रेहड़ी-फड़ी मार्केट सिर्फ कागजों में, नहीं बन सके वेंडिंग जोन

By: Jul 10th, 2017 12:15 am

तहबाजारियों के लिए पालिसी बनाने को लग गए तीन साल, धरातल पर कुछ नहीं कर सकी प्रदेश सरकार

newsशिमला —  प्रदेश में रेहड़ी-फड़ी वालों के अधिकारों के संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग गतिविधियों के संचालन लिए (आजीविका संरक्षण एवं रेहड़ी-फड़ी) अधिनियम, 2014 के तहत वेंडिंग पालिसी बनाई गई। यह एक्ट छह सितंबर, 2012 को लोकसभा में पेश किया था। लोकसभा से यह बिल छह सितंबर, 2013 में पास हुआ। इसके बाद पहली मई, 2014 को यह एक्ट लागू हो गया। इसके लिए नियमों को भी कैबिनेट से मंजूरी मिली। वहीं सरकार की ओर से गत वर्ष औपचारिकताएं पूरी कर पालिसी ओके कर दी गई, लेकिन धरातल पर न तो कहीं निकायों में वेंडिंग जोन बने और न ही तहबाजारियों को बसाया गया। पालिसी बनाते और औपचारिकताएं पूरी करने में ही प्रदेश सरकार को तीन साल लग गए। इसके बावजूद अभी तक किसी भी निकाय में वेंडिंग जोन ही तय नहीं हो पाए हैं। बाकी  निकायों में भी स्थिति लगभग शिमला जैसी ही है। जो पालिसी बनाई गई है, उसके प्रदेश में विभिन्न निकायों में वेंडिंग जोन तय किए जाएंगे। साथ ही तहबाजारी को लेकर नियम बनेंगे और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान होगा। इसके लिए एक विशेष सर्वे किया जाएगा। इसमें वार्डों में देखा जाएगा कि कहां पर तहबाजारियों को बैठाया जाएगा और कहां कितने तहबाजारी कितने समय के लिए बैठ पाएंगे। इसके लिए जेई, पटवारी, सुपरिंटेंडेंट एस्टेट और संबंधित विभाग के पार्षद और वेंडर यूनियन के प्रधान को अधिकृत किया गया है। वेंडिंग पालिसी के तहत तहबाजार लगाने वालों को अब वेंडिंग सर्टिफिकेट मिलेंगे। ये सर्टिफि केट स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी की ओर से जारी किए जाएंगे। इसके लिए नगर निकायों को स्ट्रीट वेंडर (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेग्यूलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग  एक्ट 2014) के तहत एक  खाका तैयार करना होगा। बताया जा रहा है कि योजना के मुताबिक नगर निकायों में अब निर्धारित क्षेत्र को तीन भागों में बांटा जाएगा। इसके तहत तीन जोन बनेंगे। इनमें वेंडिंग जोन, नो वेंडिंग जोन और रस्ट्रिक्ड जोन शामिल होंगे। वेंडिंग जोन में निगम के पास पंजीकृत तहबाजारियों को बैठने की अनुमति दी जाएगी। नो वेंडिंग जोन में कुछ शर्तों के साथ कभी कभार तहबाजार लगाया जा सकता है। किसी को भी रिस्ट्रिक्टिड जोन में तहबाजार लगाने की अनुमति नहीं होगी।

 अधिनियम-2014 में ये हैं मुख्य प्रावधान

*टाउन वेंडिंग कमेटी को इसके तहत आने वाले तहबाजारियों का सर्वे करना होगा। इस बीच किसी भी तहबाजारी को हटाया नहीं जाएगा, जब तक वेंडिंग सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाते * सभी तहबाजारियों को एक वेंडिंग जोन में स्थान दिया जाएगा। जिन्हें स्थान नहीं मिलता, उनके लिए अलग से स्थान की व्यवस्था करनी होगी * 14 साल के सभी तहबाजारियों को कमेटी की ओर से सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। इसके लिए तहबाजारी को बताना होगा कि वह स्वयं या परिवार की मदद से व्यवसाय करेगा और उसके पास अजीविका का कोई और साधन नहीं है। अगर तहबाजारी को कोई अपंगता हो जाती है, तो वह अपना सर्टिफिकेट अपने  परिवार के सदस्य को ट्रांसफर कर सकता है *एक्ट की शर्तों का उल्लंघन करने पर सर्टिफिकेट रद्द हो जाएगा * अगर किसी कारण वेंडिंग जोन को नो वेंडिंग जोन में बदला जाता है, तो तहबाजारी के लिए अलग से जगह की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए तहबाजारी को 30 दिन का नोटिस दिया जाना जरूरी होगा * हर वार्ड में एक टाउन वेंडिंग जोन कमेटी होगी * इस तरह के तमाम मामलों का निपटारा करने के लिए डिसप्यूट रेजोल्यूशन कमेटी होगी * जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा, उससे दो हजार तक का जुर्माना होगा।

जगह तय, पर शिफ्ट नहीं

शिमला के वार्ड में वेंडिंग जोन के लिए जगह चिन्हित की गई, लेकिन तहबाजारियों को शिफ्ट नहीं किया जा सका। अभी भी तहबाजारी लोअर बाजार और राम बाजार में ही अपना कारोबार कर रहे हैं। यहां पर अकसर उन्हें नगर निगम और पुलिस की कार्रवाई का सामना करना पड़ता है।

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