लाहुल-स्पीति में एक और केवीके

ताबो में केंद्र खुलने से किसानों-बागबानों को मिलेगा लाभ, आईसीएआर ने दिया तोहफा

सोलन – प्रदेश के लाहुल-स्पीति के दुर्गम क्षेत्र ताबो में एक और कृषि विज्ञान केंद्र खुल गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली द्वारा देश भर में प्रत्येक जिला को अधिकतम एक कृषि विज्ञान केंद्र देने का ही प्रावधान है, परंतु हिमाचल को अब यह 13वां केवीके ताबो में मिला है। डा. वाईएस परमार विश्वविद्यालय नौणी के अधीन यह केंद्र संचालित होगा। पूर्व के वाइस चांसलर डा. विजय सिंह ठाकुर व वर्तमान वीसी डा. हरिचंद शर्मा के मार्गदर्शन में की गई कोशिशें आखिरकार रंग लाईं तथा निर्धारित मापदंडों की बेडि़यां तोड़ते हुए आईसीएआर ने यह तोहफा प्रदेश को दिया है। इस कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना से लाहुल-स्पीति क्षेत्र में कृषि व बागबानी क्षेत्र में चमत्कारी प्रवर्तन होंगे तथा नौणी को करोड़ों रुपए की राशि भी आईसीएआर प्रदान करेगी। प्रदेश में इस समय किन्नौर के शारबो, लाहुल-स्पीति के कुकुमसेरी, मंडी के सुंदरनगर, हमीरपुर के बड़ा, बिलासपुर के बरठीं, सिरमौर के धौलाकुआं, सोलन के कंडाघाट, शिमला के रोहडू, कुल्लू के बजौरा, कांगड़ा, चंबा व ऊना में 12 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित हैं। ताबो में नए केवीके का उद्घाटन कुछ दिन पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा किया गया था। उनके साथ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु भी थे। आईसीएआर ने आरंभिक कामकाज को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 49 लाख 36 हजार रुपए स्वीकृत किए हैं। नौणी विवि के लोक संपर्क अधिकारी डा. अनिल सूद ने बताया कि ताबो में केवीके उद्घाटन अवसर पर स्थानीय विधायक रवि ठाकुर, पूर्व मंत्री फूचूक राय, राजबीर सिंह, निदेशक शिक्षा विस्तार डा. विजय सिंह ठाकुर इत्यादि कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। नौणी विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. हरिचंद शर्मा ने इस उपलब्धि पर कहा कि क्षेत्र के किसानों को इस केंद्र से बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि यहां का सेब विश्वभर में प्रसिद्ध है तथा किसानों की आर्थिकी को सुधारने में ताबो केवीके एक अहम भूमिका अदा करेगा।