शहीद शशि शर्मा पंचतत्त्व में विलीन

नादौन — जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए गलोल गांव के सूबेदार शशि शर्मा का अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया। शहीद के दस वर्षीय पुत्र अक्षय ने जब मुखाग्नि दी, तो हर किसी की आंख नम हो गई। इस दौरान लोगों ने पकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस अवसर पर शहीद की दोनों बेटियों सहित काफी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रहीं। आसपास क्षेत्र के सैकड़ों लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। जालंधर से आई सेना की टुकड़ी ने कैप्टन सजिन जेम्स की अगवाई मेें सैनिक सम्मान के साथ शहीद को सलामी देकर हवा में गोलियां दागते हुए श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा 19 पंजाब रेजिमेंट के शहीद के साथ आए जवानों ने भारत माता की जय, रेजिमेंट की जय तथा पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए अपने साथी को अंतिम विदाई दी। ये सभी जवान शहीद शशि के साथ मोर्चे पर डटे हुए थे। इससे पूर्व शुक्रवार सुबह जब शहीद का शव सेना के जवान उनके घर लेकर पहुंचे तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। शहीद को प्रशासन की ओर से एसडीएम नादौन अमित मेहरा, तहसीलदार अनिल मनकोटिया, डीएसपी गोपाल वर्मा, विधायक विजय अग्निहोत्री, भूतपूर्व सैनिक कारपोरेशन के चेयरमैन कर्नल विधि चंद, बीडीसी चेयरमैन सुनील बिट्टू, बीरबल आदि ने श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर आए शहीद शशी के साथी सूबेदार रघुवीर सिंह ने बताया कि बीस दिन पूर्व ही उन्होंने घर से छुट्टी काट कर गए शशि को चार्ज सौंपा था। उन्होंने बताया कि वह भी अगस्त में शशि के साथ ही सेवानिवृत्त होने वाले थे।