सावन में न खाएं ये चीजें

सावन भगवान शिव का महीना है। इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सात्विक भोजन करने की सलाह शास्त्रों में दी गई है। इसलिए बहुत से लोग इस महीने में मांस, मदिरा और प्याज-लहसुन का सेवन बंद कर देते हैं।  सिर्फ  इनके सेवन से परहेज रखने से काम नहीं चलता है। कुछ और भी चीजें हैं जिन्हें सावन में खाना पाप माना जाता है…

सावन में हरी सब्जी का खाना भी वर्जित

हिंदू धर्म के नियम धर्म के साथ ही साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की बात करते हैं। भविष्य पुराण में इसका उल्लेख भी किया गया है कि मनुष्य का एक धर्म स्वास्थ्य की रक्षा करना भी है इसलिए स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सावन में कुछ चीजों को खाना वर्जित बताया गया है। ऐसी चीजों में पहला नाम साग का आता है। साग को सेहत के लिए गुणकारी माना गया है, लेकिन सावन में साग से वात बढ़ाने वाले तत्त्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए साग गुणकारी नहीं रह जाता है। यही कारण है कि सावन में साग खाना वर्जित माना गया है। दूसरा कारण यह भी है कि इन दिनों कीट- पतंगों की संख्या बढ़ जाती है और साग के साथ घास-फूस भी उग आते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। साग के साथ मिलकर हानिकारक तत्त्व हमारे शरीर में नहीं पहुंचें इसलिए सावन में साग खाने की मनाही की गई है।

सावन में बैंगन खाना भी वर्जित

सावन के महीने में साग के बाद बैंगन भी ऐसी सब्जी है, जिसे खाना वर्जित माना गया है। इसका धार्मिक कारण यह है कि बैंगन को शास्त्रों में अशुद्घ कहा गया है। यही वजह है कि कार्तिक महीने में भी कार्तिक मास का व्रत रखने वाले व्यक्ति बैंगन नहीं खाते हैं। वैज्ञानिक कारण यह है कि सावन में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

दूध के सेवन से रखें परहेज

सावन में संभव हो तो दूध का सेवन न करें। यही बात बताने के लिए सावन में शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई होगी। वैज्ञानिक मत के अनुसार इन दिनों दूध वात बढ़ाने का काम करता है। अगर दूध का सेवन करना भी हो, तो खूब उबालकर प्रयोग में लाएं। कच्चा दूध प्रयोग में नहीं लाएं। सावन में दूध से दही बनाकर सेवन कर सकते हैं, लेकिन भाद्र मास में दही से परहेज रखना चाहिए क्योंकि भाद्र मास में दही सेहत के लिए हानिकारक होता है।

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