वहीं खड़े रह जाते तो गंवा देते जान
इस हादसे में आंशिक रूप से घायल लोग भी माथा टेकने के बाद अगर माता की मूर्ति के सामने ही खडे़ रहते तो शायद दोनों जिंदा नहीं बचते। ये दोनों लोग भी माथा टेक कर अपने वाहन के पास आ गए थे और चट्टानें इनके आगे जा गिरीं।
पहाड़ी से खिसक सकती हैं और चट्टानें
हणोगी माता मंदिर पर जिस पहाड़ से पत्थर गिरे हैं, उसी पहाड़ से कई और बड़ी चट्टानें गिरने की तैयारी में हैं। बांधी पंचायत के लोगों का कहना है बरसात के कारण कई और चट्टानें खिसक सकती हैं।
ऊपर पहाडी़, निचली तरफ ब्यास
बरसात के समय पंडोह बाजार से गुजरने के बाद रैस नाला और दवाडा तक पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा हर समय बना रहता है। पिछले एक दशक में एक दर्जन से अधिक लोगों की जान इस रास्ते पर पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण गई है। एक तरफ पहाड़ से पत्थर गिरने का खतरा तो दूसरी तरफ उफनती ब्यास का खतरा बना रहता है। हालांकि इसके बाद भी कोई बडे़ एहतियातन कदम प्रशासन द्वारा नहीं उठाए गए हैं। यही वजह है कि यहां हादसा कभी भी हो जाता है।
यहां सलामती को सिर्फ नोटिस बोर्ड
माता मंदिर के आसपास भी अकसर कई बार छोटे तो कई बार बडे़ पत्थर गिरते रहते हैं। वहीं इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मंदिर में रुकने के बाद भी प्रशासन ने आज तक इस दृष्टि से कोई कदम नहीं उठाए हैं। यहां पर पहाड़ के नीचे सड़क किनारे ही वाहन पार्क किए जाते हैं। वहीं आपदा प्रबंधन के नाम पर हणोगी माता मंदिर के आसपास सिर्फ पत्थर गिरने के नोटिस बोर्ड ही प्रशासन ने लगाए हैं। एसडीओ कांशी राम गुलेरिया ने बताया कि पहाड़ को लेकर ऐसा कोई सर्वे तो नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ पर से पत्थर काफी दूर से आते हैं।
तीन साल पहले जीप पर गिरी थी चट्टान
हणोगी माता मंदिर में तीन साल पहले इसी जगह पर एक जीप पर भी चट्टान गिरी थी, जिसमें जीप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में किसी की जान नहीं गई थी।
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