600 रुपए फीस…डेस्क तो दे देते

धर्मशाला —  हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा आयोजित गे्रड-फोर क्लर्क और ग्रेड-फोर कम्प्यूटर आपरेटर की परीक्षा में खूब अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिला। स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रदेश भर में एक लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए 319 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए थे, लेकिन परीक्षा केंद्रों में उम्मीदवारों को डेस्क के स्थान पर चटाई पर ही बिठा दिया गया। इतना ही नहीं, डेस्ट में परीक्षा को लेकर बिना क्लिप बोर्ड के परीक्षा केंद्र में बैठे उम्मीदवारों को जुगाड़ के सहारे परीक्षा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसे में युवाओं ने स्कूल शिक्षा बोर्ड से 600 रुपए फीस वसूलने के बावजूद डेस्क प्रदान न करने को लेकर आक्रोश जताया। युवाओं ने आक्रोश भर लहजे शिक्षा बोर्ड से सवाल उठाया कि 600 रुपए फीस लेने पर कम से कम परीक्षा केंद्र में डेस्क तो उपलब्ध होते।  बोर्ड ने अति ग्रामीण स्कूलों में परीक्षा सेंटर बना दिए,  जिसके कारण सैकड़ों युवाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदेश भर के मुख्य शहरों से कई किलोमीटर दूरी पर स्थित परीक्षा केंद्रों में पहुंचने में उम्मीदवारों को काफी समय लगा। इसके कारण कई उम्मीदवार परीक्षा देने से ही वंचित रह गए। अब युवाओं ने बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। परीक्षा केंद्रों में परीक्षा देने पहुंचे उम्मीदवारों में से मनोज कुमार, पूजा देवी, सुरेंद्र कुमार, सागर डोगरा, अरविंद, स्वाति, इंद्रजीत, सुनैना, अंकिता, नैंसी, रेणुका राणा, शालिनी ठाकुर, हनी सिंह, विक्की और अमन डोगरा का कहना है कि शिक्षा बोर्ड द्वारा अन्य किसी भी परीक्षा एजेंसी से डबल और चार गुणा तक अधिक फीस वसूली गई है। शिक्षा बोर्ड ने सामान्य से 600 और अन्य से 400 रुपए फीस एकत्रित की है।  परीक्षा केंद्र में सुविधाओं के नाम पर एक डेस्क तक उपलब्ध नहीं करवाया गया।  उनका कहना है कि अति ग्रामीण क्षेत्रों में परीक्षा केंद्र होने से पहुंचने भी परेशानियां हुई है। शिक्षा बोर्ड को फीस के स्तर के हिसाब से उम्मीदवारों को अच्छे केंद्र उपलब्ध करवाने चाहिए।

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