खेतीबाड़ी में युवाओं का रुझान
केलांग — शीत मरूस्थल जिला लाहुल-स्पीति की अगर बात करें तो यहां पिछले कुछ सालों में लाहुल-स्पीति के युवाओं का रुझान नकदी फसलों की और बढ़ा है। इस साल घाटी के अधिकतर युवाओं ने नकदी फसलों को लगाने के साथ मंडियों तक फसलों को पहुंचाने में भी मेहनत की है। फसलों के अच्छे दाम मिलने से युवाओं का जोश और बढ़ गया है। यही नहीं सेब के पौधे भी इस बार युवाओं ने लगाए हैं। हर फसल की पैदावार लाहुल घाटी में हो, इसे लेकर युवाओं ने इस बार काफी नई किस्मों के फूलों से लेकर सब्जियों को लगाने का प्रयास किया है। लाहुल घाटी के युवा संजय सोनम, संगीता शाशनी, मोनिका ठाकुर, अशोक, मोटू व दिनेश का कहना है कि पहले के मुकाबले पर बहुत से युवा नकदी फसलों को लगाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जिसका परिणाम उन्हें अच्छा मिल पाया है। युवाओं का कहना है कि हिमाचल सहित बाहरी राज्यों में लाहुल घाटी की फसलों की काफी डिमांड रहती है। ऐसे में युवा भी अब स्वयं इस कारोबार में आगे बढ़कर नकदी फसलों को उगाने में काफी अहम रोल अदा कर रहे हैं। युवाओं की मानें तो लाहुल घाटी में काफी फसलों को लेकर अपार संभावनाएं हैं। यहां फसलों पर किसी तरह के केमिकल का छिड़काव नहीं किया जाता है। लाहुल घाटी भी कृषि प्रधान जिला है। यहां पर किसानों के उत्थान के लिए सरकार को सोचना चाहिए और लाहुल घाटी के लिए और नईर् योजनाएं भी लानी चाहिएं, ताकि और भी युवाओं का रुझान नकदी फसलों की ओर बढ़ सके।
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