अब नेतागिरी नहीं…चलेगी सिर्फ खाकीगिरी

गगरेट —  यातायात नियमों की अवहेलना करने के बाद ऊंची पहुंच के दम पर पुलिस पर रौब गालिब कर चालान से बचते आए वाहनों के दिन अब लद गए हैं। यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों से सख्ती से निपटने के जिला पुलिस कप्तान के सख्त निर्देश के बाद यातायात पुलिस के साथ पुलिस थानों की नफरी ने भी अब सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। इसी का सबब है कि यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों को सबक सिखाने के लिए यातायात पुलिस के साथ अब पुलिस थाना की टीमें भी लगातार नाके लगाकर चालान करने में मशगूल हो गई हैं। उपमंडल अंब में ही इस अभियान का व्यापक असर देखने को मिल रहा है और डीएसपी से लेकर हैड कांस्टेबल तक इस अभियान को विशेष तवज्जो देने में जुट गए हैं। इससे पहले होशियारपुर-चिंतपूर्णी सड़क मार्ग पर ही पुलिस नाके लगाने को ज्यादा तरजीह दी जाती थी। कारण स्पष्ट था कि स्थानीय वाहन चालकों का चालान करने पर किसी न किसी राजनेता का फोन आ जाता था और पुलिस को यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता था। यही वजह थी कि यातायात पुलिस पंजाब से आने वाले वाहन चालकों के चालान कर अपने टारगेट पूरे करती थी। ऐसा भी हुआ कि जब पुलिस ने कुछ निजी बसों के चालान करने शुरू किए तो उन्हें पुलिस अधिकारियों की ही विशेष हिदायतें आनी शुरू हो गईं। इसके बाद फील्ड में डटे पुलिस स्टाफ ने भी स्थानीय वाहन चालकों को सबक सिखाने से तौबा कर ली। हालांकि ऐसा भी नहीं कि यातायात नियमों की अवहेलना करने पर उपमंडल अंब में सड़क दुर्घटनाएं न हुई हों। पिछले एक साल में ही एक दर्जन से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। बावजूद इसके पुलिस विभाग ने यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों पर सख्ती बरतने का प्रयास नहीं किया।  बुधवार देर सायं ही उपमंडल अंब में अलग-अलग स्थानों पर यातायात पुलिस के साथ संबंधित पुलिस थानों का स्टाफ नाका लगाकर यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों से निपटने में लगा रहा। अहम बात यह थी कि अंब कस्बे में लगे नाके पर डीएसपी डीसी वर्मा ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई।

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