आईजीएमसी-केएनएच के लग रहे चक्कर

शिमला — स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों को बावजूद सुन्नी अस्पताल में आपरेशन थियेटर शुरू नहीं हो सका है। इनता ही नहीं यहां अल्ट्रासाउंड तक की व्यवस्था भी विभाग नहीं कर पाया है। विभाग पिछले करीब एक साल से सुन्नी अस्पताल में आपरेशन थियेटर शुरू करने की तैयारियां कर रहा है। यहां के लिए एक एनेस्थिस्ट और एक गायनोकोलॉजिस्ट की भी तैनाती हुई ,लेकिन आपरेशन थियेटर शुरू ही नहीं हो सका। सूत्रों का कहना है कि अभी इस ओटी में उपकरण ही पूरे नहीं है। यही कारण है कि आपरेशन भी नहीं हो रहे हैं। इसके कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। माइनर आपरेशन को लिए भी सुन्नी से महिलाओं को आईजीएमसी और केएनएच आना पड़ता है। ऐसे में आपातकाल में गर्भवती महिलाओं को जान जोखिम मे डालकर आईजीएमसी पहुंचना पड़ता है। सुन्नी में काफी समय से लोग ओटी की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि आपरेशन थियेटर शुरू होने और से गर्भवती महिलाओं को अब परेशानी नहीं झेलनी होगी।  स्वास्थ्य विभाग की ओर से सुन्नी अस्पताल में ओटी की सुविधा शुरू करने के लिए स्थान का भी चयन कर लिया गया। इसके साथ-साथ आपरेशन टेबल और ओटी में लगने वाली विशेष लाइट्स भी अस्पताल पहुंचा दी गई है। अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए एक एनेस्थिस्ट और एक गायनाकोलॉजिस्ट की तैनाती भी की गई है, लेकिन बाकी उपकरण अभी भी नहीं पहुंच पाए। स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है और उपकरण आते ही आपरेशन भी शुरू कर दिए जाएंगे।  सुन्नी में सिविल अस्पताल होने के बावजूद सुविधाओं का अभाव है इसके कारण लोगों को गंभीर स्थिति में आईजीएमसी आना पड़ता है। आईजीएमसी सुन्नी से करीब 40 किलो मीटर दूर है। इतनी लंबी दूरी का सफर करते-करते गर्भवती महिलाओं को खासी परेशानियां झेलनी पड़ती है। कई बार ट्रैफिक व मौसम खराब होने के कारण जान जोखिम में पड़ जाती है। ऐसे में अगर सुन्नी में ही प्रसव और आपातकाल में आपरेशन की सुविधा होगी तो स्थानीय लोगों को समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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