आयु सीमा कम करने पर उखड़े

बंगाणा —  अध्यापक पात्रता परीक्षा में अभ्यर्थियों की आयु कम करने पर बेरोजगार शिक्षकों ने कड़ा रोष जताया है। बेरोजगार शिक्षकों का कहना है कि एक ओर तो सरकार की ओर से अध्यापक पात्रता परीक्षा की प्रमाणता सात वर्ष रखी हुई है। वहीं, इस परीक्षा के लिए आयु सीमा 45 वर्ष से कम कर 40 वर्ष कर बेरोजगारों के साथ अन्याय किया है, जोकि न्यायसंगत नहीं है। सरकार को इस ओर उचित कदम उठाने चाहिए। हैरानी इस बात की है कि जहां एक ओर कई अभ्यर्थी अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने के बाद निजी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये बेरोजगार अपनी सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से बेरोजगारों को झटका दिया गया है। इससे बेरोजगार शिक्षक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। बेरोजगार शिक्षक राजीव कुमार, ललित, नीलम, पूजा शर्मा, विशाल शर्मा, रोशनी देवी, पंकज कुमार, सचिन शर्मा, ज्योति व विनोद ने कहा कि कई पात्र बेरोजगार शिक्षक सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए हुए हैं, लेकिन सरकार की ओर से आयु सीमा कम करने के चलते कई बेरोजगारों का सरकारी नौकरी हासिल करने के सपनों पर पानी फिर गया है।  हर साल सरकार की ओर से अध्यापक पात्रता परीक्षा करवाई जाती है, जिसमें सैकड़ों अभ्यर्थी भाग लेते हैं। सरकार की ओर से अचानक ही लिया गया निर्णय बेरोजगार विरोधी है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार ने अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है। वहीं, अब आयु सीमा भी कम कर दी गई है। वहीं, दूसरी ओर से सरकार की ओर से बैकडोर भर्तियां भी की गई हैं, जिसके चलते कई बेरोजगार शिक्षक नौकरी से वंचित रह गए हैं। उन्होंने कहा कि कई ऐसे भी बेरोजगार शिक्षक हैं जो तीन या फिर चार बार अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, लेकिन अभी भी उन्हें भी नौकरी नहीं मिल पाई है। ऐसे में सरकार की ओर से आयु कम करने का लिया गया निर्णय भी बेरोजगार विरोधी है। उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए आयु सीमा 45 वर्ष ही रखी जाए, ताकि बेरोजगारों को इसका लाभ मिल सके।

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