एफडी पर इंट्रेस्ट में मोटी कमाई पर नजर

नई दिल्ली— इन्कम टैक्स अथॉरिटीज की नजर अब उन हजारों लोगों पर जा पड़ी है, जिन्होंने एफडी पर इंट्रेस्ट से मोटी कमाई की है, लेकिन टैक्स नहीं दिया है। पूरा ध्यान उन लोगों पर है, जिन्हें पांच लाख रुपए या इससे अधिक की आमदनी सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट या एफडी) पर मिले ब्याज से हुई है। इनमें कुछ बुजुर्ग (सीनियर सिटीजन) हैं, जो अपनी कर योग्य आय में ब्याज से मिली रकम को शामिल नहीं करते या रिटर्न ही फाइल नहीं करते। एक अखबार ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से यह खुलासा किया। यह कदम टैक्स बेस बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का ही एक हिस्सा है। इसके तहत अधिकारियों का ध्यान उन प्रोफेशनल्स पर भी है, जो अपनी फी कैश में लेते हैं और अपनी सही आमदनी कभी नहीं बताते, जबकि जीते काफी शानो शौकत से हैं। ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ में लाना बहुत मुश्किल है और सर्वे या सर्च में ये लोग तभी पकड़ में आते हैं, जब उनकी कमाई के दौरान छापे पड़ जाएं। मसलन, बरसात के मौसम में जब डेंगी या चिकुनगुनिया का संक्रमण फैलता है तो डॉटर मरीजों से कैश में फी वसूलते हैं। ऐसे वक्त में उनकी तलाशी लेने पर सच्चाई सामने आ जाती है, लेकिन ब्याज से हुई आमदनी को लेकर ऐसा कुछ नहीं है। ऐसे में टैक्स डिपार्टमेंट को बैंकों के पास उपलब्ध सूचनाओं का ही सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि बैंक एफडी पर टीडीएस काटते हैं। सूत्रों का कहना है कि कई मामलों में 10 प्रतिशत टैक्स दे दिया जाता है, जबकि जो लोग 30 प्रतिशत टैक्स वाले दायरे में आने-वाले लोग भी टैक्स नहीं देते। एक बड़े अधिकारी ने कहा कि हमारी नजर बड़े टैक्स चोरों पर है।

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