करेरी-लेटा में खींचे आएंगे सैलानी

धर्मशाला –प्रदेश में पहली बार नए पर्यटक स्थलों की खोज में विभाग को बड़ी सफलता मिली है। धर्मशाला के लेटा की ऊपरी पहाडि़यों के  साथ इंद्रुनाग व करेरी को धौलाधार एक्सप्रेस-वे से जोड़ कर नए टूरिस्ट प्लेस तराशे जा रहे हैं। पहली बार पुराने पर्यटक स्थलों पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए नए स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं देखी जा रही हैं। इस कड़ी में धर्मशाला के रक्कड़ व ऊपरी पहाडि़यों लेटा के आसपास के क्षेत्र का बड़ी तेजी से विकास हो रहा है। इसे लेटा की ऊंची पहाडि़यों तक ले जाकर धौलाधार तक सैलानियों को पहुंचाने की महत्त्वाकांक्षी परियोजना पर काम चल रहा है।  विश्व विख्यात पर्यटक स्थल धर्मशाला-मकलोडगंज में हर साल सैलानियों की बढ़ती भीड़ ही पर्यटकों की परेशानी का सबब बन जाती है। सीजन के दौरान यहां पहुंचते ही पर्यटक जाम में फंसकर या सुविधाएं न मिलने से परेशान होने लगते हैं। ऐसा पिछले कई वर्षों से चल रहा है। ऐसा मकलोडगंज ही नहीं कुल्लू, मनाली और शिमला में भी पर्यटन सीजन के दौरान देखने को मिलता है। धौलाधार की वादियों से सैलानी मुख न मोड़ लें और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बीच बेहतर सुविधाएं मिल पाएं इसके लिए नए प्रयास कारगार साबित हो सकते हैं। पर्यटन विभाग ने नए स्थानों को विकसित करने के लिए जो रोड मैप तैयार किया है, वह लागू हो गया तो अगले पर्यटन सीजन से ही सैलानियों की भीड़ मकलोडगंज से छंटने शुरू हो जाएगी। रक्कड़  हेलिपैड से लेटा की पहाडि़यों के लिए पैराग्लाडिंग सहित अन्य साहसिक खेल शुरू करने की योजना के मूर्त रूप लेने के बाद पर्यटकों के लिए प्रदेश का पहला नया एवं प्राकृतिक सौंदर्य की नैसर्गिक छठा में बसा खुला स्थान भ्रमण को मिल पाएगा। पर्यटन विभाग ने लेटा की पहाडि़यों के ऊपरी छोर पर पर्यटकों को नया ट्रैकिंग रूट तैयार कर स्नो स्पोर्ट्स के लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत एवं ऊंचा स्थल तैयार करने का भी रोड़ मैप तैयार कर लिया है। आने वाले समय में यह टूरिज्म साइट हिमाचल की सबसे खूबसूरत एवं आकर्षक साइट बनकर उभरेगी। इसी तरह इस रेंज से होकर गुजरने वाले धौलाधार एक्सपे्रस-वे को कुल्लू व मनाली से जोड़ते हुए चंबा के डलहौजी व खजियार को जोड़ने वाले पहाड़ी व घने जंगलों के बीच जाने वाले अपनी तरह के अनोखे रोड में करेरी नामक स्थल भी पहाड़ों के बीच अनोखा रमणीक स्थल बनने जा रहा है। हालांकि इस स्थल को विकसित करने के लिए अभी तक प्रयास होना बाकी हैं। अभी यह स्थान पूरी तरह से सड़क मार्ग से ही धर्मशाला के साथ नहीं जुड़ पाया है। करेरी की ऊपरी पहाडि़यों के बीच बने पानी के प्राकृतिक झरने और प्राकृतिक एवं धार्मिक श्रद्धा के प्रतीक झीले देशी व विदेशी मेहमानों की पहली पसंद बन रही है। पर्यटक ट्रैकिंग कर यहां तक पहुंचते हैं और कई दिन इन पहाड़ों में ही खो जाते हैं। उधर, पर्यटन विभाग की माने तो तकनीकी खामियों के कारण नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने के काम में कुछ समय तो लगा है, लेकिन आने वाले समय में इसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह स्थल पूरे प्रदेश के लिए नई मिसाल कायम करेंगे।

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