चंडीगढ़ में टैक्स बढ़ाया गया

भाजपा सरकार द्वारा कर बढ़ाने पर लोगों ने किया जोरदार विरोध

चंडीगढ़— चंडीगढ़ शहर के लोगों पर कोई नया कर न लगाने के वायदे के साथ नगर निगम में सत्तारुढ़ हुई भाजपा ने  बुधवार को संस्थागत, औद्योगिक व्यापारिक भूमि और भवनों पर लगने वाले संपत्ति कर में दस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी। निगम सदन की बैठक में यह एजेंडा पारित कर दिया गया। कांग्रेस पार्षद देविंदर सिंह बबला ने इस एजंडे का जमकर विरोध किया व उनकी दलील थी कि चंडीगढ़ में अधिकांश नौकरी पेशा वाले लोग रहते हैं, जो इतनी बड़ी राशि का भुगतान नहीं कर सकते। उन्होंने यह मांग कि इस एजेंडे को डैफर कर अगली बैठक में संशोधन के साथ लाया जाए । बबला का कहना था कि जीएसटी के बाद पहले से ही अनेक व्यापारी अपना धंधा बंद कर रहे हैं व अब अगर संपत्ति कर में भी वृद्धि होगी तो व्यापारी वर्ग के लिए काम करना ही मुश्किल हो जाएगा। बबला के विरोध पर   निगमायुक्त बी. पुरुषार्थ और महापौर आशा कुमारी जसवाल ने निगम के घटते राजस्व से सदन को अवगत कराया और इसे पारित करने की अपील की। निगमायुक्त का कहना था कि औद्योगिक क्षेत्र की संपत्तियों के कलेक्टर रेट गत वर्षों की तुलना में ज्यादा बढ़े हैं, इसलिए संपत्ति करक में उसी के मुताबिक वृद्धि हो। किंतु पार्षदों का कहना था कि शहर में बेहतर सफाई, बेहतर सड़कें, बेहतर सीवरेज बेहतर पेयजल सुविधाओं के लिए बजट भी चाहिए, इसलिए टैक्स न देने की प्रवृत्ति वाले लोगों की समीक्षा करनी पड़ेगी।

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