डीसी आफिस के ये हाल

राजधानी में गुटखे ने बिगाड़ दी ऐतिहासिक धरोहर की सूरत

शिमला — शिमला का उपायुक्त कार्यालय अपनी बनावट और ऐतिहासिक महत्त्व के कारण एक अलग महत्त्व रखता है। उपायुक्त कार्यालय में लगी गोल सीढि़यां अपने आप में भवन निर्माण की अनोखी कला की मिसाल है। इन गोल सीढि़यों में प्रकाश और ताजी हवा की आवाजारही के लिए विशेष तौर पर अंग्रेजों ने वेंटिलेटर की व्यवस्था की थी, लेकिन आज इन वेंटिलेटर का इस्तेमाल कूड़ेदान के तौर पर हो रहा है। वेंटिलेटर के बाहर जालियां लगाई है इसके बावजूद इन सीढि़यों से आने जाने वाले लोगों ने इन रोशनदानों को कूड़ेदान में तबदील कर दिया है। इन रोशनदानों में गुटखे के पैकेट, सिगरेट के खाली पैक और अन्य रैपर भरे पड़े हैं। आए दिन चलाए जाने वाले स्वच्छता अभियान के बावजूद भी न तो आम जन और न ही प्रशासन स्वच्छता को लेकर गंभीर दिख रहा है। यही वजह है कि उपायुक्त कार्यालय में भी सामने-सामने तो सफाई व्यवस्था चाक चौबंद दिखती है, लेकिन ऐसे स्थानों पर जहां ज्यादा मेहनत करनी  पड़े वहां अक्सर गंदगी फैली रहती है। कुछ समय पहले ही उपायुक्त कार्यालय की इन गोल सीढि़यों की मरम्मत करवाई गई थी, लेकिन अब इसकी दिवारें पान और गुटखे की पीक से रंगी पड़ी है। ऐसे में यह उन लोगों की मानसिकता की भी पोल खोलती हैं जो स्वच्छता अभियान का हिस्सा बनकर फोटो ख्ंिचवाने के लिए तो सबसे आगे खड़े होते हैं, लेकिन सरकारी संपत्तियों को गंदा करने में उन्हें कोई शर्म महसूस नहीं होती। शनिवार को छुट्टी के दिन तो उपायुक्त कार्यालय के परिसर में भी यहां वहां गंदगी फैली रही। यहां वहां पड़े डिस्पोजेबल ग्लास और कागज इस बात की तस्दीक दे रहे थे कि छुट्टी के दिन सरकारी कार्यालयों सफाई व्यवस्था रामभरोसे रहती है।

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