तीन तलाक पर कोर्ट का फैसला सराहनीय

नाहन —  पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेत्री सुश्री श्यामा शर्मा का कहना है कि देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक का फैसला सरहानीय कदम है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने का चारों ओर स्वागत किया जा रहा है। तमाम राजनीतिक, सामाजिक और सरकारी संगठन अपने-अपने शब्दों में इस फैसले की व्याख्या कर रहे हैं। सुश्री श्यामा शर्मा ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक, प्रगतिशील और आधी आबादी को न्याय के साथ-साथ उनके सशक्तीकरण का मार्ग प्रशस्त करने वाला स्वागत योग्य निर्णय है। उन्होंने कहा कि एक बड़ी आबादी न्याय और अपने अधिकारों से वंचित थी। उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा बहुमत के आधार पर दिया गया यह फैसला, उस बड़ी आबादी को न्याय और सशक्तीकरण की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा की हम विश्वास करते हैं कि इस दिशा में सरकार की से और भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। श्यामा शर्मा ने बताया कि भारत में सैकड़ों वर्ष पहले सती प्रथा का चलन था। इस प्रथा के अंतर्गत पति की मृत्यु के बाद जीवति पत्नी को भी पति के शव के साथ जला दिया जाता था। वहीं जो महलिएं यह नहीं करती थी, उन्हें समाज में काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ती थी। ऐसे में इस धार्मिक प्रथा के खिलाफ राजा राममोहन राय ने पहल आवाज उठाई।

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