देखिए ! एक झूले वाला बायोडायवर्सिटी पार्क हाजिर है

ददाहू, श्रीरेणुकाजी – वन्य प्राणी क्षेत्र रेणुकाजी में बायोडायवर्सिटी पार्क का कार्य अधर में लटका है। पार्क में निर्माण कार्य शुरू कर यहां मात्र एक झूले को लगाया गया है। अब आम आदमी, पर्यटकों की समझ में तो यह भी नहीं आ रहा है कि यह चिल्ड्रन पार्क है या बायोडायवर्सिटी  पार्क। विभाग की मानें तो वाइल्ड लाइफ  की इस खाली जगह पर पार्क बनाया जा रहा है। मगर बिना डिजाइन के बन रहे इस पार्क का मूर्त रूप किसी को भी समझ नहीं आ रहा है। गौर हो कि रेणुकाजी में बायोडायवर्सिटी पार्क की योजना तैयार की गई है। वहीं बच्चों के मनोरंजन के लिए भी झूले बैंच इत्यादि लगाए जाने की योजना बनी है। मगर अधर में लटके इस पार्क पर क्या बन रहा है । यह विभाग के अधिकारी भी ठीक रूप से नही बता पा रहे है। डीएफओ वाइल्ड लाइफ  शिमला राजेश शर्मा ने बताया कि रेणुकाजी में पार्क का निर्माण तो किया जा रहा है, मगर इसकी डिजाइनिंग साफ  नहीं हो पा रही है। उन्होंने इस पार्क को बायोडायवर्सिटी पार्क बनाने की भी बात कही। मगर एक झूला लगाकर इसको छोड़ दिया गया है। डीएफओ श्री शर्मा का कहना है कि पार्क के लिए फंड भी जानकारी मांगी जाएगी। बहरहाल रेणुकाजी में वाइल्ड लाइफ भूमि पर चिल्ड्रन पार्क या बायोडायवर्सिटी  पार्क क्या डिजाइन हो रहा है यह बात प्रश्न बन गई है, जबकि आधा फंड इस पर खर्च भी किया जा चुका है। रेणुकाजी पर्यटन सथल पर पर्यटन विकास योजनाएं क्यो नहीं सिरे चढ़ पा रही है यह प्रश्न हर पर्यटक का यहां पहुंचने पर होता है। इसी कड़ी में रेणुकाजी में बटरफ्लाई पार्क भी अधर में लटका है। जबकि 30 से अधिक तितलियों की प्रजाति यहां पाई गई, जिसके लिए विभाग ने होस्ट प्लांट भी लगाए। मगर आगे क्या हो रहा है इसकी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं। पार्क  के तहत विभिन्न स्पीशीज के प्लांट्स लगाए जाने हैं। यानी कि रेणुका क्षेत्र में पाई जाने वाली स्पीशीज को एक स्थान पर लाकर प्रदर्शित करना ही इसकी जानकारी प्लांट के सामने बोर्ड लगाकर अवगत करवाना। मगर यहां एक मात्र झूला लगाकर इसकी परिभाषा का ही पता नहीं लग रहा है।

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