दो बार शिलान्यास…और पार्किंग ‘स्टोरी’ खत्म

पालमपुर में पीपीपी मोड के तहत बनी थी योजना, पुरानी सब्जी मंडी के पीछे की खाली जगह पर होना था निर्माण

पालमपुर— प्रदेश में तेज गति से विकास के दावे शिलान्यास पट्टिकाओं की आड़ में अपनी कहानी बयां कर रहे हैं। शिलान्यासों पर लाखों रुपए पानी की तरह बहाए जाते हैं और यह काम लंबे समय तक कागजों में ही अटके रह जाते हैं। पालमपुर में पार्किंग की समस्या लगातार गहराती जा रही है, जिसे ध्यान में रखकर नगर परिषद के वार्ड नंबर एक में पीपीपी मोड के तहत मल्टी स्टोरी पार्किंग की योजना बनाई गई थी। पालमपुर में पुरानी सब्जी मंडी परिसर के पीछे खाली पड़ी भूमि पर यह निर्माण होना है, लेकिन दो-दो बार शिलान्यास के बाद भी अभी यहां एक ईंट नहीं लग पाई है। पूर्व में भाजपा शासनकाल में 2008 में और फिर अब कांग्रेस सरकार के समय 2015 में पार्किंग का शिलान्यास किया गया, पर योजना फिलवक्त सिरे नहीं चढ़ पाई है। आलम यह कि मुख्यमंत्री के ध्यान में यह बात लाए जाने के बाद कंपनी के करार पर खतरा भी दिखाई देने लगा था, पर बार-बार समय मांगने के सिवा कंपनी कोई कदम नहीं उठा रही है। मुख्यमंत्री 2015 में फरवरी में पालमपुर के दौरे पर आए थे और उन्होंने करीब 80 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के उद्घाटन व शिलान्यास किए थे। इन्हीं में शुमार था पालमपुर में लंबे समय से चर्चा में रहा मल्टी स्टोरी पार्किंग का शिलान्यास। करोड़ों की लागत से बनने वाली इस बहुमंजिला पार्किंग का शिलान्यास मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 16 फरवरी, 2015 को किया था। माना जा रहा था कि एक साल के भीतर यहां पार्किंग की सेवा उपलब्ध हो जाएगी और पालमपुर की एक बड़ी समस्या का समाधान हो पाएगा। आज आलम यह है कि बहुमंजिला पार्किंग का काम शुरू नहीं हो पाया है और यह महत्त्वाकांक्षी योजना फिलहाल कागजों तक ही सीमित है। गौर रहे कि पालमपुर नगर परिषद के वार्ड नंबर एक में बनने वाली इस मल्टी स्टोरी पार्किंग का शिलान्यास राजनीतिक कारणों से पहले काफी समय तक लटका रहा और अब सीएम द्वारा शिलान्यास किए जाने के इतने समय बाद भी यहां एक ईंट तक नहीं लग पाई है। यह मामला पिछले समय में पालमपुर आए मुख्यमंत्री की जानकारी में लाया गया था, तो सीएम ने कहा था कि कंपनी का करार रद्द कर किसी दूसरी कंपनी को काम दिया जाएगा या सरकार अपने माध्यम से काम करवाएगी। इसके बावजूद पालमपुर की यह महत्त्वाकांक्षी परियोजना कागजों से आगे नहीं बढ़ पाई है।

बढ़ रही दिक्कतें

पालमपुर अधिक संख्या में रोजाना पंजीकृत होने वाले नए वाहनों की सूची वाले शहरों में शामिल है, जिससे पालमपुर शहर में वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

अभी काम शुरू होने के आसार नहीं

पहले पुरानी सब्जी मंडी की दुकानों को तोड़ने की अनुमति न मिलने से काम लटका था, लेकिन अब दुकानें भी तोड़ दी गई हैं। निर्माण शुरू करने को लेकर नगर परिषद बार-बार ठेकेदार से पत्राचार कर रही है, लेकिन अभी यहां काम शुरू होने के कोई आसार नहीं दिख रहे। कंपनी ने 31 मई तक काम शुरू करने की बात कही थी, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है।

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