पहली ही फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

भारतीय सिनेमा जगत में सचिन को ऐसे अभिनेताओं में शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपने भावपूर्ण अभिनय से दर्शकों  के बीच खास पहचान बनाई है। 17 अगस्त, 1957 को मुंबई में जन्मे सचिन मूल नाम सचिन पिलगांवकर बचपन से ही उनका रुझान फिल्मों की ओर था और वह अभिनेता बनना चाहते थे। उन्होंने अपने सिने करियर की शुरुआत महज चार वर्ष की उम्र में एक मराठी फिल्म ‘आमाझे मार्ग एकला’ से की। अपनी पहली ही फिल्म में दमदार अभिनय के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1975 में राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘गीत गाता चल’ बतौर अभिनेता सचिन के सिने करियर की पहली फिल्म थी। 1976 में प्रदर्शित फिल्म ॑‘बालिका वधू’ उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई। 1978 में प्रदर्शित फिल्म ‘अंखियों के झरोखे से’ उनके सिने करियर की एक और अहम फिल्म साबित हुई। 1984 में प्रदर्शित मराठी फिल्म ‘नवरी मिले नवलिया’ बतौर निर्देशक सचिन के सिने करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई। 2000 में दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए उन्होंने छोटे पर्दे की ओर भी रूख किया और ‘तू तू-मैं मैं’ धारावाहिक का निर्माण किया। उन्होंने अपने सिने करियर में 18 फिल्मों को निर्देशित किया है।

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