फाइलों पर जमी धूल…सड़क-रोप-वे गए भूल

By: Aug 4th, 2017 12:15 am

आदि हिमानी चामुंडा के लिए हुईं सड़क-बिजली-पानी-ट्रैकपाथ की घोषणाएं खोखली, मिलनी थी मां वैष्णो जैसी सुविधाएं

newsमटौर- सियासत के सामने अकसर आस्थाएं गौण होती रही हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है ‘आदि हिमानी चामुंडा’ के मामले में। यह मंदिर कांगड़ा की चंद्रधार हिमशिखर पर स्थित है। समुद्रतल से दस हजार 500 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर का अपना ही रोचक इतिहास है। महाभारत कालीन इस मंदिर के साथ वनवास काल के दौरान जहां पांडवों की कहानियां जुड़ी हुई हैं, वहीं राजा सूर्यचंद्र, भूमिचंद के अलावा कई ऋषि मुनियों के किस्से जुड़े हैं। शायद यही वजह रही कि यह मंदिर लगातार लोगों की आस्था का केंद्र बनता गया। वर्ष 1992 में इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट से रिटायर्ड एक्सईएन पीडी सैणी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। उन्हें मंदिर का आजीवन संरक्षक भी कहा जाता है। इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करवाने के लिए उन्होंने भी काफी प्रयास किए, लेकिन राजनेताओं की बोली समझते-समझते उन्हें कई साल लग गए। लोग चाहते थे कि आदि हिमानी चामुंडा के लिए भी सड़क बने। जब भाजपा नेता शांता कुमार वर्ष 2002 में केंद्रीय मंत्री थे, तो उन्होंने पहली बार आदि हिमानी चामुंडा के लिए सड़क बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि ग्राम सड़क योजना के तहत यहां सड़क बनाई जाएगी और इस जगह को मां वैष्णो की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। सड़क के लिए भूमि पूजन तक किया गया। वक्त के साथ-साथ सड़क वाली फाइल पर धूल जमने लगी, तो वर्ष 2006 में तत्कालीन पर्यटन मंत्री जीएस बाली ने यहां के लिए ईको टूरिज्म के तहत ट्रैक पाथ बनाने की बात की, जिसके लिए दस लाख रुपए भी स्वीकृत किए गए। जब बीजेपी विपक्ष में थी तो आदि हिमानी चामुंडा के लिए रज्जु मार्ग बनाए जाने के आश्वासन देकर लोगों को भ्रमित किया गया, क्योंकि इस मंदिर के आसपास के जो गांव हैं, उनमें कुछ पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ते हैं, तो कुछ धर्मशाला में। ऐसे में जब चुनाव हुए तो पूर्व मंत्री किशन कूपर और पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा को इसका पूरा लाभ मिला। 2007 में जब प्रदेश में भाजपा की सरकार आई तो तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने आदि हिमानी चामुंडा तक रोप-वे बनाने की घोषणा भी की, लेकिन रोप-वे भी कागजों में झूलता रहा। 2010 में पालमपुर से भाजपा विधायक प्रवीण शर्मा ने हेलिपैड बनाने की बात कह दी, ताकि यहां के लिए हेलिटैक्सी शुरू हो। 2012 में जब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो धर्मशाला के मौजूदा विधायक और शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुधीर शर्मा ने फिर सड़क के जिन्न को बोतल से बाहर निकाला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पूर्व सीएम प्रेम कुमार की तर्ज पर रोप-वे का राग अलापा। सुधीर शर्मा ने तो 2014 में हेलिटैक्सी सेवा का शुभारंभ भी कर दिया। कुछ दिन एक चौपर डाढ से उड़ा भी, लेकिन किराया इतना ज्यादा था कि हर कोई उसे वहन नहीं कर सकता था। नतीजतन कुछ समय बाद हेलिकॉप्टर भी गायब हो गया।

फिल्म इंडस्ट्री को भी भायी थी जगह

वर्ष 2002 में फिल्म निर्माता, निर्देशक व अभिनेता रजत कपूर आदि हिमानी चामुंडा पहुंचे थे। वे इस जगह के कायल हो गए थे और उन्होंने यहां शूटिंग करने की इच्छा जताई थी। तत्कालीन मंदिर कार्यकारिणी को उन्होंने एक लाख रुपए अनुदान भी दिया था और कहा था कि अगर प्रदेश सरकार यहां पर्यटन को विकसित करती है तो वे भी मंदिर के लिए यथासंभव मदद करेंगे।

2014 में जल गया था मंदिर

यह मंदिर केवल राजनीति का शिकार ही नहीं हुआ, बल्कि कई विवादों से भी इसका नाता रहा। वर्ष 2014 में बर्फ से घिरे इस मंदिर में आग लग गई। किसी ने इसे प्राकृतिक आपदा बताया तो किसी ने सिलेंडर फटने की बात कही। किसी ने कहा कि मंदिर को जानबूझकर जलाया गया, क्योंकि यहां लाखों का चढ़ावा होता था।

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