फोर्टिस में आंखों से निकाली पस

कांगड़ा – फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में कई बीमारियों का इलाज होने से मरीजों को पड़ोसी राज्यों के चक्करों से काफी हद तक छुटकारा मिला है। यहां-वहां बीमारी के इलाज के लिए भटकने पर निराश लोगों के लिए अंत में फोर्टिस अस्पताल सहारा बनता है। फोर्टिस में जटिल व असामान्य बीमारियों का इलाज नवीनतम तकनीक के साथ किया जाता है।  इसी शृंखला में अस्पताल के ईएनटी विभाग में आंखों में पस आने की बीमारी का सफलतापूर्वक उपचार करके अपनी विश्वसनीयता और बढ़ा दी है। चंबा निवासी नौ वर्षीय अंशुल आंखों से पस आने की बीमारी से जूझ रहा था। इस बीमारी के चलते मरीज को आंखों में सूजन, आंखों में तेज दर्द तथा आंखों से धुंधला दिखाई देने लग पड़ा था। यह बीमारी उन्हें पिछले तीन वर्षों से थी। बहुत सी जगहों पर उपचार करवाने पर भी उन्हें राहत नहीं मिल रही थी। आखिर में अंशुल के परिजन उसे फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा लाए, जहां पर मरीज को ईएनटी सर्जन डा. महेश कट्टिमनी की निगरानी में उपचार किया गया। डाक्टरी जांच में पता चला कि मरीज आंखों में पस की बीमारी (डैक्रीयोसीस्टेटीस) से जूझ रहा है।  डा. कट्टिमनी ने मरीज के परिजनों को बताया कि इस बीमारी का उपचार केवल मात्र आपरेशन है और यह आपरेशन दो तरह का होता है। एक, जिसमें आंखों के पास एक छोटा सा चीरा (एंडोस्कॉपिक डीसीआर) देकर ब्लॉकेज को ठीक किया जाता है। दूसरा दूरबीन के जरिए होता है, इसमें बिना चीरे के ब्लॉकेज को हटाया जाता है। क्योंकि मरीज नौ वर्षीय बालक था, इसलिए दूरबीन से आपरेशन करना ज्यादा सुरक्षित व उपयुक्त जरिया था।

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