बंद इक्डोल सेंटर पर लाखों खर्च

By: Aug 4th, 2017 12:15 am

नोएडा केंद्र की देखरेख के लिए ही 40 लाख खर्च कर रही एचपीयू, आफिसर बिठाने की भी तैयारी

newsशिमला – प्रदेश विश्वविद्यालय को करोड़ों का लाभ देने वाले इक्डोल का दिल्ली नोएडा स्थित सेंटर अब विवि के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है। इस सेंटर की करोड़ों की संपत्ति की देखरेख में ही विवि लाखों रुपए खर्च कर रहा है। अब यह सेंटर विवि के लिए घाटे का सौदा बन कर रह गया है। पिछले दो साल से इक्डोल के इस सेंटर पर प्रवेश छात्रों को नहीं दिया जा रहा है, लेकिन विवि प्रशासन बंद सेंटर की देखरेख के लिए ही वर्ष भर में 40 लाख के करीब की राशि खर्च कर रहा है। यह विवि प्रशासन की ही लापरवाही है कि उसे वित्तीय संकट के बाद भी एक बंद सेंटर पर लाखों खर्च करने पड़ रहे हैं। प्रशासन ने इस सेंटर के बंद होने के बाद इसके करोड़ों के भवन को लीज पर देने और कुछ अन्य विकल्प तलाशने के लिए विशेष कमेटी का गठन किया था, लेकिन कमेटी ने रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी है। हालांकि विवि के इस सेंटर के बंद होने के बाद दो बाहरी संस्थानों ने इस भवन को लीज पर इक्डोल से लेने के लिए प्रस्ताव भी दिए। इसके बाद भी नोएडा अथारिटी से ही सेंटर को लीज पर देने की मंजूरी विवि प्रशासन हासिल नहीं कर पाया है। यह मंजूरी न हासिल करने की वजह से ही अब विवि दो सालों से इस सेंटर पर लाखों की राशि खर्च कर रहा है। विवि इस भवन के प्रति वर्ष पांच लाख रुपए लीज के चुका रहा है। बिजली, पानी सहित सिक्योरिटी और केयरटेकर सहित अन्य खर्च मिलाकर 40 लाख के करीब का खर्च बिना किसी लाभ के विवि इस सेंटर पर खर्च कर रहा है। इस सेंटर के लिए इक्डोल फंड से करोड़ों रुपए खर्च कर निर्माण वर्ष 2006 में किया गया था। इस सेंटर के लिए स्टाफ की तैनाती कर यहां बाहरी राज्यों के सैकड़ों छात्रों को प्रवेश देकर लाभ विवि कमा रहा था, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों के बाद विवि को यह सेंटर बंद कर करोड़ों का घाटा उठाना पड़ा था, लेकिन इसकी भरपाई करने के लिए विवि ने कोई अहम कदम नहीं उठाया है। बहरहाल, एचपीयू लाखों की राशि बंद हो गए सेंटर पर खर्च किए जा रहा है।

लीज पर देने से होगा मुनाफा

अगर विवि इस सेंटर को समय पर लीज पर देने की प्रक्रिया पूरी करता है, तो इससे मुनाफा कमा सकता है। अब लाखों इस सेंटर पर खर्च करने के बाद विवि अभी भी विकल्प ही तलाश रहा है। जानकारी के तहत सेंटर बंद होने के बाद एक चीफ लाइजनिंग आफिसर की तैनाती यूजीसी से इक्डोल के मसलों के लिए करने की तैयारी विवि कर रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि जब सेंटर ही बंद हो गया है तो विवि एक ओर अतिरिक्त खर्चा इस पद की तैनाती कर क्यों कर रहा है।

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