रामपुर में मौत की बरसात थड़ाधार गांव में दो बच्चे जिंदा दफन, पांच परिवार हुए बेघर

  रामपुर बुशहर – रामपुर में बरसात ने फिर मौत का खेल खेला है। इस बार सरघा पंचायत के थड़ाधार गांव में बिट्टू राम के घर पर बरसात मौत बनकर बरसी और देखते ही देखते हंसता खेलता परिवार बिखर गया। रात को बिट्टूराम व उसकी पत्नी कुकूदेवी और उनके चार बच्चे एक साथ कमरे में यह सोचकर चैन की नींद सोए कि कल फिर एक नई सुबह उनका इंतजार कर रही होगी, लेकिन जैसे ही सुई 12 बजकर 30 मिनट पर आकर टिकी, बाहर मूसलाधार बारिश से बिट्टूराम सहम गया। वह उठा और जैसे ही बाहर निकला ,तो उसने देखा कि कमरा मिट्टी वाले पानी से भरने लगा है। उसने अपनी पत्नी कुकूदेवी को जगाया और बाहर चलने को कहा। एकाएक पीछे की दीवार गिरने लगी। बिट्टूराम ने आनन-फानन में अपने एक लड़के और एक लड़की को बाहर की और खींचा, लेकिन जब वह दूसरी बार कमरे में अपने अन्य दो बच्चों को बाहर निकालने के लिए गया, तो पूरा कमरा मलबे में तबदील हो गया था। बिट्टूराम के लिए यह एक भयानक सपने जैसा था। पल भर में भी बिट्टूराम का परिवार बिखर गया। दोनों बच्चों की सांसे थम चुकी थीं। दीवान 12 वर्षीय और सुशील आठ वर्ष का था। बिट्टूराम का परिवार परिवार सदमें में है। वहीं दूसरी और इस प्राकृतिक आपदा में दशमीराम, प्रेमचंद, प्रीतम सिंह, देवराज को भी बेघर कर दिया।