वैटरिनरी डाक्टर ‘चखेंगे’ खाद्य पदार्थ

By: Aug 4th, 2017 12:15 am

स्वास्थ्य विभाग ने नौ चिकित्सक बतौर खाद्य सुरक्षा अधिकारी किए अधिकृत 

news मंडी — एक फूड इंस्पेक्टर के सहारे चल रही हिमाचल की 70 लाख की आबादी को स्वास्थ्य विभाग ने कुछ राहत दी है। प्रदेश के आठ जिलों में नौ वैटरिनरी डाक्टरों को खाद्य सुरक्षा अधिकारी के लिए अधिकृत किया है। फिलहाल हिमाचल प्रदेश में 70 लाख की आबादी पर एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी है, वह भी सिर्फ चंबा जिला के लिए। इस समस्या से निजात पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आठ वैटरिनरी डाक्टरों (असिस्टेंट डायरेक्टर प्रोजेक्ट) को अधिकृत किया गया है। इसके तहत डा. विनोद कुंदी को बिलासपुर, डा. राजेंद्र पाल को कुल्लू, डा. रणजीत सिंह को मंडी,  डा. उपेंद्र कुमार को ऊना, डा. संदीप शर्मा को उपमंडल काजा, डा. बृज लाल को उपमंडल केलांग, डा. अजय कुमार चौधरी को कांगड़ा, डा. नवीन कुमार को किन्नौर, डा. प्रदीप शर्मा को किन्नौर जिला के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी के लिए अधिकृत कर दिया गया है। बता दें कि हिमाचल में एक फूड इंस्पेक्टर होने के कारण फूड सैंपलिंग नहीं हो पा रही है। ऐसे में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर नजर रखना मुश्किल हो रहा है। हालांकि प्रदेश के हर ब्लॉक में एक फूड इंस्पेक्टर का होना आवश्यक है। ऐसे में हिमाचल की सेहत को सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नौ वेटरिनरी डाक्टरों को अधिकृत तो कर दिया है, लेकिन धरातल पर  काम कैसे होता है, यह देखने की बात होगी। हालांकि अधिकारियों को इस का अनुभव नहीं है।

कैसे करेंगे सैंपलिंग, नहीं कोई अनुभव

हैरानी की बात यह भी है कि फूड इंस्पेक्टर की कमी से पार पाने के लिए वैटरिनरी डाक्टरों को अधिकृत तो कर दिया गया है, लेकिन इनके पास कोई अनुभव नहीं है। फिलहाल इन्हें काम कैसे करना होगा इसके लिए भी कोई गाइडलाइन वैटरिनरी डाक्टरों को नहीं मिली है। ऐसे में फूड सैंपलिंग का काम कैसे सुचारू रूप से चल पाएगा, यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

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