सफलता की सीढ़ी थी फिल्म ‘नागिन’

माला बाली को अधिकांश रूप से एक ही नाम ‘वैजयंती’ के नाम से जाना जाता है। वह हिंदी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री रही हैं और एक राजनीतिज्ञ भी। वह भरतनाट्यम की नृत्यांगना, कर्नाटक गायिका, नृत्य प्रशिक्षक और सांसद  भी रह  चुकी हैं। वैजयंती माला बाली का जन्म 13 अगस्त,1936 को चेन्नई के त्रिपलीकेन में हुआ। वह सिनेमा के स्वर्ण युग की सबसे प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक हैं। वह दो दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज करती रहीं। वैजयंती माला ने अपनी शुरुआत तमिल भाषीय फिल्म ‘वड़कई’ से 1949 में की।  वैजयंती माला ने सबसे पहले हिंदी फिल्म ‘बहार’ और ‘लड़की’ में काम किया। ‘नागिन’ फिल्म की सफलता के पश्चात वह हिंदी फिल्मों में पूर्णतः स्थापित अभिनेत्री बन गईं। साथ-साथ तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम करने लगी। वैजयंती माला ने कई कामयाब फिल्में  दी, जिनमें नई दिल्ली, नया दौर और आशा शामिल हैं। अपने करियर के परमशिखर पर 1958 में उनकी दो  फिल्मों ‘साधना’ और ‘मधुमति’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में नामांकित किया गया था, जिसमें उन्हें प्रथम फिल्म के लिए पुरस्कृत किया गया था। आलोचकों ने उसके पात्र की प्रशंसा की और कुछ ने तो इसे उसका सर्वश्रेष्ठ अभिनय घोषित किया। ‘गंगा-जमुना’ के कारण उन्हें फिल्मफेयर का दूसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ। अपने करियर के अंत में वैजयंती माला ने मुख्य धारा की कुछ फिल्में जैसे कि सूरज, ज्वेल थीफ, प्रिंस और संघर्ष में काम किया। इन में से अधिकांश फिल्में वैजयंती माला के फिल्म उद्योग को छोड़ने के पश्चात सिनेमाघरों में देखी गईं।

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