सरकारी बैंकों में पहले पैसा लगाओ, फिर विलय

नई दिल्ली— वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज का कहना है कि सरकार की तरफ से बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डाले बिना केंद्रीय मंत्रिमंडल के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विलय प्रक्रिया को तेज करने के फैसले मात्र से इन बैंकों की कमजोर पूंजी आधार की स्थिति में सुधार आना मुश्किल है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को कहा कि देश के 21 बैंकों के विलय आदि मामलों पर विचार करने और उसकी निगरानी करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह गठित करने का फैसला सकारात्मक कदम है, क्योंकि बैंकों के बीच विलय से उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और उनमें संचालन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। एजेंसी ने कहा है कि हालांकि, सरकार की तरफ से नई पूंजी डाले बगैर विलय मात्र से ही सार्वजनिक क्षेत्र के इन बैंकों की पूंजी की कमजोर स्थिति में सुधार नहीं होगा। सरकार की देश के 21 बैंकों में बहुमत हिस्सेदारी है, बैंकों की स्थिति में सुधार के लिए इनमें से कुछ के विलय पर विचार किया जा रहा है।

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