सेना-प्रशासन के साथ डटे रहे ग्रामीण

By: Aug 14th, 2017 12:15 am

newsउरला (मंडी)— दशकों बाद उरला क्षेत्र के लोगों ने इतना बड़ा हादसा देखा या स्थानीय लोगों की जुबान में कहे तो प्रलय का मंजर देखा गया। इस हादसे ने कई स्थानीय परिवारों के खेत खलिहान, घर मकान, पशुशाला मवेशी और फसलें छीन लीं, लेकिन इसके बाद उरला, पद्धर, ग्वाली और के लोग मानवता की मिसाल बन कर हादसा स्थल पर पहुंचे। क्या युवा, क्या बूढे़ और महिलाओं की तो बात क्या करें, हर किसी ने मलबा उठाया, पत्थर उठाए और जो बन सका स्थानीय लोगों ने किया। शनिवार की रात साढे़ 12 बजे के करीब हुए इस हादसे के बाद एक बजे ही लोग घटनास्थल पर पहुंच गए थे। हादसा एनएच-21 पर कोटरोपी में होने के कारण तीन जगहों पर रात को ही रेस्क्यू प्रशासन ने शुरू कर दिया था। इनमें एनएच के एक मंडी जोर के साथ ही जोगिंद्रनगर की तरफ भी रेस्क्यू हो रहा था और स्थानीय लोग रात एक बजे से ही प्रशासन के साथ ही जगहों पर भी डटे हुए थे। यही नहीं, स्थानीय लोग रात को एनएच से एक किलोमीटर नीचे गवा नाले में भी पहुंच गए थे, लेकिन अंधेरा व मलबा होने के कारण कोई रेस्क्यू नहीं कर सका। इसके बाद जब उजाला हुआ तो स्थानीय पुलिस प्रशासन, होमगार्ड, बटालियन के जवानों के साथ सबसे पहले स्थानीय लोगों ने बेलचा-कुदाल उठाए। यही नहीं महिलाओं तक ने मिट्टी उठाई और मलबा उठाया। जब तक सेना नहीं पहुंची तो लोग पूरी तरह से मौके पर डटे रहे। इसके बाद सेना के मौके पर पहुंचने के बाद स्थानीय लोग सेना व प्रशासन के मददगार बन गए थे। स्थानीय लोगों को मलबा हटाने के लिए अलग से एक घटनास्थल का एक हिस्सा दिया गया। हैरत तो इस बात की थी कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद स्थानीय महिला मंडल और दर्जनों महिलाएं अपने घरों से चाय, नाश्ता, पानी लेकर मौके पर पहुंच गई। स्थानीय लोगों ने हर सेना, पुलिस और प्रशासन व मौके पर बाहर से पहुंचे हर किसी को पानी पिलाया और खाना खिलाया। दोपहर बाद स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू आपरेशन में लगे हर शख्स के लिए दोपहर के भोजन का भी बंदोबस्त किया।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App