हिमाचल में अब तक कई केस सुलझा नहीं पाई है सीबीआई

By: Aug 31st, 2017 12:20 am

कोटखाई प्रकरण में केंद्रीय जांच एजेंसी पर पूरे हिमाचल की नजर

newsशिमला — कोटखाई प्रकरण की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी पर पूरे हिमाचल की नजरें टिकी हुई हैं, पर हकीकत यह है सीबीआई हिमाचल में कई अहम मामलों को सुलझा नहीं पाई है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी क्या पूरे प्रदेश के झकोझोर देने वाले इस घटना का पर्दाफाश कर पाएगी और दोषियों को सलाखों के पीछे धकेलेगी। सीबीआई के पास हिमाचल में कई केसों की फेहरिस्त है, जिसको सुलझाने में एजेंसी की सांसें फूली हुई हैं।

कई बड़े मामले अनसुलझे

* शिमला में प्रख्यात वकील छब्बील दास की हत्या। यह केस करीब 22 साल पुराना है। छब्बील दास का नवंबर 1995 में मिडिल बाजार स्थित निवास मर्डर हो गया था। हत्याकांड में नेपाली नौकरों का हाथ रहा और वे फरार हो गए।

* साल 2003 में शिमला के मशहूर होटल कारोबारी हर्ष बालजीज की हत्या सीबीआई नहीं सुलझा पाई। उन्हें सेना प्रशिक्षण कमांड के पास गोली मार दी गई थी। मामले में जांच एजेंसी के हाथ खाली रहे।

*  भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान से चोरी

हुए अष्टधातु के घंटे का सात साल बाद भी

कोई सुराग नहीं लगा। इस घंटे को नेपाल के

राजा ने 1903 में ब्रिटिश वायसराय को

भेंट किया था और 21 अप्रैल, 2010  में

चोरी हो गया। केस में अभी भी सीबीआई के हाथ खाली हैं।

प्रदेश में इन मामलों की चल रही जांच

* दूरदर्शन केंद्र शिमला में अनियमतिताओं की  सीबीआई अभी जांच कर रही है। केंद्र में 2007 से 2012 तक अधिकारियों ने दो निजी कंपनियों को नियमों का उल्लंघन कर प्रसारण के अधिकार दे दिए, जिनसे केंद्र को लाखों का चूना लगा। अभी  केस को फाइनल नहीं किया गया है।

* टूटू-तारादेवी बाइपास पर पुलिस की गोली चलने से एक युवक की मौत की जांच भी एजेंसी कर रही है। यह मामला नौ जनवरी, 2013 की रात का है, लेकिन जांच अभी भी अधूरी है।

* बीआरओ के तहत सड़क निर्माण में किए गए करोड़ों के घोटाले में सीबीआई ने जांच की है।  मनाली सरचू नेशनल हाई-वे के खरखाव में साल 2006 से लेकर 2010 तक केंद्र की ओर से जारी पैसे का दुरुपयोग हुआ है। इसका मामला अभी अदालत में चल रहा है।

* शिमला से लापता ऊना की एक लड़की की गुमशुदगी की मामले की भी सीबीआई को दो साल पहले जांच सौंपी गई थी।

* शिमला के एक बैंक से नालदेहरा में रिजॉर्ट बनाने के लिए धोखाधड़ी से कर्ज लेने की सीबीआई जांच कर रही है। बैंक ने रिजॉर्ट के लिए 1.25 करोड़ की राशि जारी की थी। इसकी मात्र 25 से 30 लाख की राशि रिजॉर्ट पर लगाई गई, बाकी राशि निजी कार्यों पर खर्च की गई।

* शिमला में रितु कलमोटिया आत्महत्या मामले की भी सीबाईआई ने जांच की थी, लेकिन  इसमें सीबीआई आरोप साबित नहीं कर पाई।

* पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम का आय से अधिक संपत्ति का मामला है, जो कि कई सालों से चल हुआ है। मौजूदा समय में मामला उच्चतम न्यायालय में विचारधीन है।

* मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक के मामले की भी सीबाई जांच कर रही है। सीबीआई ने इस केस में कोर्ट में जार्चशीट दायर कर दी है।

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