अगले पांच दशक में युवाओं के दम पर भारत पछाड़ेगा चीन को

नई दिल्ली — भारत अपनी तेजी से बढ़ती युवा आबादी के बल पर विकास की दौड़ में चीन को पछाड़कर अगले पांच दशक तक अव्वल स्थान पर काबिज रह सकता है। हालांकि, इसके लिए इन युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और शिक्षा देना आवश्यक है। डेलॉएट इंडिया के ताजा सर्वेक्षण के अनुसार भारत आने वाले कुछ दशक में आर्थिक सुपरपावर बन सकता है। भारत की युवा आबादी जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से चीन और जापान की आबादी बूढ़ी हो रही है। वर्ष, 2027 तक एशिया में 65 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों की आबादी मौजूदा 36.50 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ से अधिक हो जाएगी। यह संख्या 2030 तक बुजुर्गों की कुल वैश्विक आबादी की 60 फीसदी होगी। इसके ठीक विपरीत भारत में इस दौरान उसकी युवा आबादी विकास की नई इबारत लिखेगी। अगले 20 साल में भारत की कार्यबल क्षमता 88.5 करोड़ से बढ़कर 1.08 अरब हो जाएगी और इसके बाद अगले पांच दशक तक यही सिलसिला कायम रहेगा। आने वाले कुछ दशक में एशियाई कार्यबल क्षमता में अधिकतर योगदान भारत का होगा, लेकिन विकास की दौड़ में अव्वल आने के लिए सिर्फ कामगारों की बढ़ती आबादी ही नहीं, बल्कि उनका कौशल, प्रशिक्षण तथा शिक्षा भी उतना ही अधिक मायने रखता है। डेलॉएट इंडिया के अर्थशास्त्री अनीश चक्रवर्ती के मुताबिक देश की यह युवा आबादी मौजूदा कार्यबल की तुलना में अधिक प्रशिक्षित और शिक्षित होगी।