अब हिमाचल में भी अंतरा-छाया स्कीम

अस्पतालों में मुफ्त मिलेगा गर्भनिरोधक टीका-दवाई, आईजीएमसी से हुई शुरुआत

शिमला – प्रदेश में भी महिलाओं के लिए अंतरा और छाया योजना का आयोजन हो गया। रविवार को आईजीएमसी में एनएचएम के तहत चलाई जा रही योजना का शुभारंभ किया गया। रविवार को अस्पताल में गायनी विषय पर विशेष कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। आईजीएमसी के प्रिंसीपल डा.अशोक शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कान्फ्रेंस में हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों से आए गायनी विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बारे में केएनएच की गायनी विभाग की अध्यक्ष डा. ममता पाल ने बताया कि महिलाएं प्रसव के बाद दो तरह के गर्भनिरोधक का इस्तेमाल कर सकती हैं। अंतरा एक इंजेक्शन है, जो महिला को हर तीन महीने में लगवाना है, इससे जब तक वह गर्भधारण नहीं करना चाहेगी तब तक ले सकती है। पुनः गर्भधारण करने के लिए इंजेक्शन बंद करना होगा। बंद करने के छह से आठ महीने के अंदर महिला गर्भवती हो सकती है। यह एक लंबे वक्त तक काम करने वाला प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन है, जिसका बहुत कम साइड इफेक्ट है। इस इंजेक्शन का दूध पिलाने वाली महिलाएं भी प्रयोग कर सकती हैं। बच्चे के जन्म से तीसरे एवं छठे सप्ताह के अंदर यह इंजेक्शन लगाया जा सकता है। यह महिलाओं द्वारा अपनाए जाने वाला एक असरदार व गोपनीयता रखने वाला सुरक्षित इंजेक्शन है। विशेषज्ञों ने बताया कि छाया गर्भनिरोधक गोली है, यह गोली काफी असरदार है। प्रसव के बाद शुरू के तीन माह तक इसे सप्ताह में दो बार तथा इसके बाद सप्ताह में एक बार ही खाना है। यह गोली भी दूध पिलाने वाली माताएं खा सकती हैं, यही नहीं जो महिलाएं होरमोन का प्रयोग नहीं कर सकती हैं, उन्हें भी यह गोली आसानी से दी जा सकती है। डा. ममता पाल ने बताया कि इन दोनों गर्भनिरोधक उपायों को भारत सरकार द्वारा पूरे देश के अस्पतालों में मुफ्त में दिया जा रहा है। विशेषज्ञों ने कान्फ्रेंस के दौरान बताया कि गर्भनिरोधक से जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण किया जा सकता है।