आत्मसंतुष्टि से बचें काम के बाद करें गर्व

चेन्नई — प्रमुख अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि अपार संभावनाओं से संपन्न भारत आगे बहुत कुछ कर सकता है, लेकिन उसे आत्मसंतुष्टि से बचना होगा। अपनी किताब के विमोचन के सिलसिले में एक कार्यक्रम में श्री राजन ने कहा कि यह धारणा कि हम हर जगह कहें कि हम श्रेष्ठ हैं और हमारे जैसा कोई नहीं है। पहली बात तो यह सत्य नहीं है। भारत में भारी संभावनाएं हैं और आने वाले वर्षों में हम और बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह भरोसा रखें कि हम यह कर सकते हैं। चलो यह कर दिखाएं, लेकिन इसका गर्व हासिल करने के बाद ही किया जाए। उससे पहले ज्यादा आत्मसंतुष्टि में नहीं पड़ें।  इसके साथ ही राजन ने वृद्धि के मामले में चीन के साथ तुलना को लेकर एक तरह से सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस मामले में तकलीफदेय सवालों का सामना करने से यही अच्छा है कि हम कम से कम वादे करते हुए अधिक से अधिक हासिल करें। राजन ने भारत के लिए ‘अंधों में काना राजा’ वाले अपने विवादास्पद बयान का भी बचाव किया और कहा कि पिछले साल अप्रैल में उनकी टिप्पणी के बाद से जीडीपी हर तिमाही में घटी है।