आनी में सजी कवियों की महफिल

आनी —  हिमाचल संस्कृत अकादमी एवं जेआरपी प्रोडक्शन रामपुर बुशैहर के संयुक्त तत्त्वावधान में 21वीं सदी का पहला संस्कृत सम्मेलन व पहाड़ी हिंदी भाषा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संचालक जगमोहन शर्मा ने बताया कि संस्कृत, पहाड़ी, हिंदी कवि सम्मेलन में जिला कुल्लू, से आनी, निरमंड और जिला शिमला के रामपुर, सराहन, ननखड़ी, तकलेच, कुमारसैन के  साहित्कार व कवियों ने भाग लिया। कवि सम्मेलन के मुख्यातिथि हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डा. मस्तराम शर्मा ने दीप प्रज्वलन कर संस्कृत वाणी से कविता प्रस्तुत की।  मंच संचालन मस्ताना ने किया। कविता पाठ में निरमंड के कवि कृष्णानंद भारद्वाज ने हिंदुस्तान के वीरों को सलाम हम हिंदी हिंदुस्तानी है हमारी शान है। हिंदी से शुरुआत की कैलाश और श्याम भारद्वाज, जेवी बंसल, डॉ. संजू, राकेश, ललित, सुरेंद्र कुमार, कुशाल ठाकुर ने भी कतिवाएं सुनाईं। आनी के कवि शिवराज ने संस्कृत की लाडली बेटी है हिंदी बहनों को साथ लेकर चलती है। निरमंड के कवि दीपक शर्मा ने पहाड़ी भाषा में मेरा कुल्लू देश सबसे प्यारा कविता सुनाई। कुमारी अनुराधा ने अरमानों का सफ र इस युग में चलता रहेगा पहाड़ी हिंदी संस्कृत का योगदान पर शोधपत्र प्रस्तुत किया गया। कवि जगमोहन शर्मा ने कहा कि हम हिमाचली पहाड़ी है हम सबको इसका मान सम्मान चाहिए।  इस मौके पर 20 साहित्कार कवियों को स्मृति चिन्ह एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।