एम्स का शिलान्यास…सीयू जमीनी फेर में उलझी रही

दस साल से चल रही बहस, सरकार कर रही जमीन हस्तांतरण का दावा और विश्वविद्यालय प्रशासन खाली हाथ

धर्मशाला – बिलासपुर में तीन अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एम्स के शिलान्यास से एक बार फिर सीयू का मामला पूरी तरह गरमा गया है। अब तक हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला की जमीन कागजों के फेर में ही उलझी हुई नजर आ रही है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन द्वारा सीयू को भूमि हस्तांतरण का दावा किया जा रहा है, लेकिन केंद्रीय विवि प्रशासन अब तक खाली हाथ होने की ही बात कर रहा है। ऐसे में दस साल में भी सीयू का शिलान्यास न होने से अब ठंडे राज्य का तापमान गरमा दिया है। चुनावों से पहले पीएम मोदी द्वारा केंद्रीय विवि का शिलान्यास किए जाने के भी कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब तक मामला मात्र जमीन में ही उलझता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में सीयू एक बार फिर सियासी फुटबाल बनकर ही इधर-उधर घूमती हुई नजर आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जानकारी दी है कि बिलासपुर में पीएम द्वारा एम्स का शिलान्यास जल्द ही किया जाएगा, लेकिन केंद्रीय विवि का मामला केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से आगे ही नहीं पहुंच पा रहा है। भाजपा-कांग्रेस के बीच सेंट्रल यूनिवर्सिटी के स्थापन को लेकर दस साल से भी ज्यादा अवधि से प्रदेश में गरमाहट देखने को मिल रही है। भाजपा के कुछ नेता चाहते हैं कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मुख्य कैंपस देहरा में स्थापित हो, जबकि कांगड़ा से जुड़े भाजपा के ही कई नेता इस पर मौन साधे बैठे हैं, जबकि केंद्रीय विवि को धर्मशाला के लिए घोषित किए जाने की बात पर मुख्य कैंपस को धर्मशाला में बनाने के लिए जदरांगल में भूमि चयन और उसे ट्रांसफर की प्रक्रिया भी चल रही है। राज्य सरकार ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मुख्य कैंपस जदरांगल धर्मशाला में स्थापित करने को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मानव संसाधन मंत्रालय को सौंपी थी। प्रदेश सरकार द्वारा 36 हेक्टेयर भूमि रेवेन्यू लैंड से ट्रांसफर कर दी गई है, जबकि अब वन भूमि को लेकर वन मंत्रालय द्वारा फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए भेजा गया है।

…क्या धर्मशाला भी आएंगे मोदी

चुनावी वर्ष में पीएम नरेंद्र मोदी के हिमाचल दौरे पर आने पर सीयू के शिलान्यास की उम्मीद दिख रही थी, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक घोषणा न होने और जमीन का मामला अधर में ही लटक गया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाए जाने के ऐलान करने के साथ ही सीयू का धर्मशाला निर्माण करवाने में पूरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। बहरहाल केंद्रीय विवि पर राज्य सरकार के जमीन के प्रयास के बाद क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिलासपुर में एम्स के शिलान्यास के साथ ही धर्मशाला भी पहुंचेंगे, इस पर नजर रहेगी।

धर्मशाला पर सहमति ज्यादा

कांगड़ा के अधिकांश नेताओं का यह दावा रहता है कि धर्मशाला ही केंद्रीय विवि के लिए उपयुक्त स्थल है। सीयू ऐसे स्थल पर स्थापित की जा सकती है, जहां बुनियादी सुविधाओं के साथ रहने की उच्च स्तरीय सुविधाएं मौजूद हों और एयर कनेक्टिविटी भी हो। धर्मशाला में तमाम सुविधाएं व स्तरीय होटल हैं, लिहाजा कैंपस यहीं स्थापित होना चाहिए। हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जाता है कि इससे जुड़े संस्थान देहरा व अन्य क्षेत्रों में खोले जा सकते हैं।