कर्मचारी नेता चला रहे तबादला उद्योग
कर्मचारी महासंघ ने स्वयं-भू नेताओं के खातों की मांगी विजिलेंस जांच
शिमला – मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद अधिकारी गैर शिक्षकों की मांगें नहीं मान रहे हैं। सरकार के कई कर्मचारी नेता धड़ल्ले से तबादले करवा रहे हैं। इस नेक्सेस में कई शिक्षक संगठनों के भी नेता हैं। ये आरोप हिमाचल प्रदेश गैर शिक्षक कर्मचारी महासंघ ने लगाए हैं। शिमला में महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने कहा कि कुछ स्वयं-भू कर्मचारी नेता प्रदेश सरकार में तबादला करने का ही काम करते हैं। श्री ठाकुर ने कहा कि कर्मचारी नेताओं के बैंक खातों की विजिलेंस जांच की जानी चाहिए और इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि उनके खातों में कहां से कब-कब पैसे जमा हुए। उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आदेशों को भी दरकिनार कर रहे हैं। सरकार ने शिक्षा विभाग में 520 वरिष्ठ सहायकों के पदों को अधीक्षक ग्रेड-2 के पदों में परिवर्तित करने की सहमति दी थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा यह मामला कैबिनेट में नहीं लाया गया, जबकि मुख्यमंत्री ने 18 सितंबर की सुबह अधिकारियों को निर्देश दिए थे। त्रिलोक ठाकुर ने कहा कि 14 जून को तत्कालीन एसीएस के साथ हुई बैठक में कालेजों में अधीक्षक ग्रेड के पदों को सृजत करने के लिए सहमति बनी थी, लेकिन अब अधिकारी इसके लिए भी तैयार नहीं हैं। साथ ही विभाग में पिछले छह साल से एक प्रशासनिक अधिकारी, एक रजिस्ट्रार और आठ पदों को भरने के लिए भी पूर्व में सहमति बनी थी, लेकिन अब इसे भी पूरा नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही 4-9-14 की विसंगतियों को अभी तक दूर नहीं किया गया है। महासंघ के पदाधिकारियों ने दो टूक कहा कि अगर 27 सितंबर को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में उनके इन मामलों को नहीं लगाया और मांगें पूरी नहीं हुईं, तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
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