कुफरी में फंसे सेब के ट्रक

ढली-टूटी कंटी सड़क पर कहर बनकर टूटे भू-स्खलन ने बढ़ाई टेंशन

 शिमला — शिमला में ढली के समीप ढली-टूटीकंडी सड़क पर एक पहाड़ी दरकने से इसकी चपेट में सड़क पर पार्क कई वाहन आ गए, वहीं सड़क पर बने शिव मंदिर को भी मलबे से क्षति पहुंची है। सड़क के साथ लगते कई रिहायशी मकानों को भी मलबे से क्षति हुई है। भारी चट्टानें आने से सड़क पर यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है। फल मंडी भट््टाकुफर को भी सेब के वाहन नहीं जा पा रहे। बड़े वाहनों को कुफरी से समीप रोक दिया गया, जो कि रात के वक्त ही शहर के भीतर से गुज सकेंगे। शिमला में ढली टलन के समीप शनिवार को भारी भू-स्खलन हुआ। इससे यहां सड़क पर पार्क छह से सात वाहन इस मलबे में दब गए, जबकि दो तीन वाहन मलबे से साथ नीचे नाले में जा गिरे। गनीमत यह रहा कि भू-स्खलन को पहले ही भांप लिया गया था, जिससे यहां वाहनों और लोगों की आवाजाही रोक दी गई थी। इस भू-स्खलन से सड़क के किनारे बने शिव मंदिर को नुकसान पहुंचा है। इसका एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है और मंदिर के पर भी चट्टाने गिरी हैं। सड़क से नीचे कुछ रिहायशी घरों को भी मलबे से नुकसान हुआ है। पहाड़ी से यहां कुछ समय पहले पत्थर गिरने शुरु हो गए थे। इसके चलते कुछ समय पहले ही इस सड़क पर यातायात रोक दिया गया था। मंदिर को भी खाली करवाया गया। इससे यहां कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी और डोजर लगाकर मलबा हटाने का काम तत्काल शुरू कर दिया। सड़क पर पार्क वाहनों को वहां से हटा दिया गया है, लेकिन भारी मात्रा में सड़क पर आए मलबे को हटाने के लिए विभाग को मशक्कत करनी पड़ रही है। यहां नीचे रिहायशी मकान हैं और ऐसे में मलबे को नाले में नहीं गिराया जा सकता। ऐसे में मलबे को हटाकर सड़क के किनारे ही रखा जा रहा है। इस काम में काफी समय लग रहा है। पीडब्ल्यूडीअधिशासी अभियंता अरविंद शर्मा ने कहा कि सड़क पर मलबे को हटाने के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। सड़क को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बड़े वाहनों को कुफरी-छराबड़ा में रोका

शिमला शहर के भीतर से दिन को बड़े वाहनों को जाने की इजाजत नहीं रहती। केवल बसें व छोटे वाहन ही आमतौर पर संजौली बाइपास होकर जा सकते हैं। पुलिस ने सेब की छोटी पिकअप को संजौली होकर जाने की इजाजत दी है। पैसेंजर वाहनों को भी यहां से जाने की इजाजत है।

हादसों से सबक नहीं ले रहा शिमला

शिमला- शिमला शहर में संवेदनशील जगहों भवनों का निर्माण किया जा रहा है। शहर में कई जगह भवन बनाने के लिए सेफ नहीं हैं, बावजूद यहां कई मंजिला भवन खड़े किए जा रहे हैं। शनिवार को ढली के समीप सड़क पर हुई भारी भू-स्खलन से यहां कई मकानों को भी क्षति पहुंची। यहां पर नाले में मकानों का निर्माण किया गया है और वहीं यहां पर ऊपर पहाड़ी है। शनिवार को यहां जब  पहाड़ी दरकी, तो इससे निकला मलबा नीचे बने मकानों पर भी गिरा। हालात यह थी कि यहां पर एक मकान में कुछ लोग फंसे थे, जिनको पुलिस ने निकाला। यही नहीं यहां इसके नीचे भी नाले में मकान बना दिए गए हैं। कमजोर जगहों पर मकान बनाने से इनके गिरने की घटनाएं भी यदा-कदा सामने आ रही हैं। संजौली-ढली बाइपास पर भी निर्माणाधीन मकान गिरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।