ग्राम सभा के प्रस्ताव की अब जरूरत नहीं

By: Sep 18th, 2017 12:15 am

मानसिक रोगियों की सामाजिक पेंशन के लिए प्रदेश सरकार ने दी राहत

newsहमीरपुर – मानसिक रोगियों की सामाजिक पेंशन में सरकार ने ग्राम सभा के प्रस्ताव का पेंच हटा दिया है। इनके हित में बड़ा निर्णय लेते हुए सरकार ने स्पष्ट किया है कि पेंशन के लिए इन्हें किसी प्रकार के ग्राम सभा प्रस्ताव की जरूरत नहीं। महज मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर ही इनकी मानसिक अपंगता तय होगी। इसी के आधार पर इन्हें सामाजिक पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी। इससे पहले मानसिक रोग से ग्रस्त लोगों को ग्राम सभा के प्रस्ताव में शामिल किया जाता था। पंचायत से हल्फनामा मिलने के बाद इन्हें सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग में प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ता था। ऐसे में पेंशन  लगने में लंबा समय बीत जाता था। वहीं, मानसिक रोगियों को निर्धारित औपचारिकताएं पूरी करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसी को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने इनके हित में यह निर्णय लिया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। बतातें चलें कि अपंग सहायता योजना के तहत मानसिक रोग व मल्टी डिसेबल पर्सन को पेंशन का प्रावधान है। 40 से 69 प्रतिशत तक मानसिक अपंग को सरकार की तरफ से 700 रुपए मासिक पेंशन प्रदान की जाती है, वहीं 70 फीसदी से अधिक प्रभावित को 1250 रुपए मासिक सहायता पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। पेंशन प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम लाभार्थी को ग्राम सभा के प्रस्ताव में शामिल किया जाता था। ग्राम सभा के प्रस्ताव में शामिल होने के बाद इसे ग्राम सभा से प्रमाणित किया जाता था। सभा से प्रमाणित होने बाद मेडिकल सर्टिफिकेट में अपंगता निर्धारित की जाती थी। इसके साथ ही कई अन्य पेंशन संबंधी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थीं। मानसिक रोगी के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर पाना संभव नहीं हो पाता था। ऐसे में जहां इसे दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, वहीं इसका संबंधित परिवार भी परेशान होता ंथा। निर्धारित मापदंड पूरे करने के बाद पेंशन का प्रावधान था। अब सामाजिक पेंशन का लाभ लेने के लिए महज मेडिकल प्रमाण पत्र ही अनिवार्य होगा। इसके अलावा सभी औपचारिकताओं को समाप्त कर दिया गया है।


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