चुनाव से पहले आखिरी कैबिनेट

नौकरियों की झड़ी या तीन लाख कर्मियों की लॉटरी, अब 27 की बैठक पर ही नजर

शिमला – मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक 27 सितंबर को बुलाई गई है। विधानसभा चुनावों से पहले यह अंतिम बैठक मानी जा रही है। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में प्रदेश के पौने तीन लाख कर्मचारियों पर आधारित कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। पुरानी पेंशन स्कीम जहां फिर लागू करने की चर्चाएं हैं, वहीं कर्मचारियों व पेंशनर्ज को कुछ और लाभ देने को मंजूरी मिल सकती है। प्रदेश की सियासत में कर्मचारियों की बड़ी फौज खास रोल निभाती है। हालांकि पिछली बैठकों में भी कर्मचारियों को रिझाने के लिए कम प्रयास नहीं हुए हैं, मगर चुनाव पूर्व यह अंतिम बैठक कुछ और नए ऐलान कर सकती है। बैठक में चाय-बागानों के साथ-साथ धार्मिक संस्थाओं द्वारा लीज पर ली गई जमीन के सिलसिले में भी फाइलें सरक रही हैं। लिहाजा इन मामलों में भी सरकार कोई नीतिगत फैसला ले सकती है। मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में विधायकों को लीज पर जमीन दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ा है। तकनीकी तौर पर यह मामला कमजोर साबित न हो, लिहाजा इस बारे में खामियों को दुरुस्त किया जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि इसी कड़ी में कुछ और वर्गों को भी भू-आबंटन मामलों में राहत प्रदान कर सकती है।

बाइक एंबुलेंस

मंत्रिमंडल की बैठक में पायलट आधार पर कुछ बाइक एंबुलेंस चलाने के लिए भी फैसला हो सकता है। नेशनल हैल्थ मिशन के तहत इन एंबुलेंस को 108 योजना के तहत चलाने का निर्णय लिया जा सकता है।

भाखड़ा विस्थापितों का क्या

वीरभद्र सरकार ने भाखड़ा विस्थापितों द्वारा वर्षों से कुछ वर्ग मीटर जमीन पर किए गए अवैध कब्जों को नियमित करने के ऐलान किए थे। इस मामले में आदेश भी दिए गए, मगर वे सिरे नहीं चढ़ पा रहे हैं, क्योंकि इन आदेशों में भी किंतु-परंतु है, जबकि पिछली बैठक में सरकार पांच बीघा तक की अवैध सरकारी भूमि के नियमितीकरण को लेकर नीतिगत फैसला ले चुकी है। अब यह फैसला पूरे राज्य में लागू होगा। बावजूद इसके विस्थापितों में कुछ मीटर तक के अवैध कब्जों को लेकर संशय व्याप्त है, जो कि सरकार को चुनावी वर्ष में दिक्कतें भी खड़ी कर सकता है, यदि इस अंदेशे को दूर नहीं किया गया।