टैक्स चोरों पर भी लगाम लगाएंगे ब्रिक्स

पांचों देश टैक्स चोरी से लड़ने के लिए वैश्विक तंत्र बनाने को तैयार

शियामेन— भ्रष्टाचार और कालेधन के विरुद्ध जारी भारत की लड़ाई को सोमवार को उस समय और बल मिला, जब ब्रिक्स देशों ने लाभ के कर रहित देशों में हस्तांतरण के जरिए होने वाली कर चोरी से निपटने के लिए आधुनिक वैश्विक कर तंत्र बनाने की इच्छा जताई। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) की चीन के फुजियान प्रांत में तटीय शहर शियामेन में आयोजित नौवीं ब्रिक्स शिखर बैठक के मुख्य सत्र के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में यह बात कही गई है। घोषणापत्र पर मेज़बान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा और ब्राज़ील के राष्ट्रपति मिशेल तेमेर ने हस्ताक्षर किए। पच्चीस पृष्ठ के घोषणापत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय कर नियम बनाकर कर सहयोग को मजबूत बनाएगा। इस नियम में हर देश की प्राथमिकता के अनुसार अन्य विकासशील देशों को समुचित प्रौद्योगिकी सहायता दी जाएगी। इसमें निष्पक्ष एवं आधुनिक वैश्विक कर तंत्र के लक्ष्य को हासिल करने का वादा दोहराया गया है और बराबरी, वृद्धि समर्थक और सक्षम अंतरराष्ट्रीय कर माहौल बनाने, बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग से निपटने में सहयोग, कर के संबंध में सूचनाओं के आदान-प्रदान और विकासशील देशों में क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने पर जोर दिए जाने की बात कही गई है। घोषणापत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स राष्ट्र और उनके नेता इस पर सहमत हैं कि भ्रष्टाचार के जरिए अवैध लेन-देन से विकास के साथ ही वित्तीय स्थिरता भी प्रभावित होती है।

निवेश बढ़ाने में मदद करेगी परिषद

शियामेन — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेजी वृद्धि की बात कहते हुए सोमवार को उम्मीद जताई कि ब्रिक्स व्यवसाय परिषद सदस्य देशों के बीच निवेश के लिए सहयोग बढ़ाने में मददगार साबित होगा। श्री मोदी ने ब्रिक्स व्यवसाय परिषद की बैठक को संबोधित हुए कहा कि भारत तेजी से दुनिया की सबसे मुक्त अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है।