दूर हुई 80 हजार कर्मियों की खटास

चुनावी सीजन में सरकार का मास्टर स्ट्रोक, पांच से 25 साल सर्विस वालों को डीसीआरजी

मटौर —  अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में और चुनावी सीजन में 80 हजार कर्मचारियों के हक में फैसला लेकर सरकार ने न केवल मास्टर स्ट्रोक खेला है बल्कि दो साल की उस खटास को भी दूर किया, जो कि मुलाजिमों के दिलों में थी। यही नहीं इस तरह के लाभ देने के लिए हमेशा से पंजाब को फालो करने वाले हिमाचल प्रदेश ने पड़ोसी राज्य से पहले ऐसा ऐतिहासिक फैसला देकर नई परंपरा की शुरुआत भी कर डाली। डीसीआरजी (डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी) एक ऐसा लाभ है, जिसकी सेवानिवृत्ति के बाद हर मुलाजिम को जरूरत रहती है। यह लाभ उम्र के उस पड़ाव में पेंशनधारकों की सांसे बढ़ाएगा, इस बात में भी कोई दोराय नहीं। हर उस कर्मचारी को डीसीआरजी का लाभ मिलेगा, जिसने 5 से 25 साल तक रेगुलर सर्विस की होगी। यहां यह बताना भी जरूरी है कि अगर किसी ने 30 साल भी सर्विस की होगी तो लाभ उसे 25 साल का ही मिलेगा। पहले इसके लिए आयु सीमा 33 साल होती थी। डीसीआरजी के लाभ के बारे में साधारण भाषा में समझाया जाए तो यदि किसी क्लास फोर को 20 हजार वेतन मिलता है और उसने मिनिमम पांच साल रेगुलर सर्विस की होगी तो उसे 40 से 50 हजार के बीच ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा जबकि मैक्सिमम 25 साल सर्विस वाले क्लास फोर को लगभग 2.50 लाख रुपए का लाभ इसके तहत मिलेगा। डैथ के केस में परिवार को डबल ग्रेच्युटी मिलेगी। बता दें कि 2003 के बाद जब सरकार ने नई पेेंशन स्कीम लागू की थी तो सेवानिवृत्ति के बाद केवल मुलाजिमों को छुट्टियों के ही पैसे मिलते थे। लेकिन अब छुट्टियों के पैसों के अलावा डीसीआरजी का लाभ भी मुलाजिमों को मिलेगा। बता दें कि प्रदेश के कर्मचारी लगभग दो साल से पुरानी पेंशन बहाली और डीसीआरजी की मांग कर रहे थे। यूपी, बिहार, उत्तराखंड यहां तक की रेलवे ने भी डीसीआरजी का लाभ कर्मचारियों को दे दिया था। हिमाचल के कर्मचारियों को कहा जाता था कि जब तक पंजाब इसे लागू नहीं करता, तब तक हम भी इसे लागू नहीं कर सकते। क्योंकि हिमाचल ऐसे मामलों में हमेशा पंजाब को फालो करता है, लेकिन यह पहली बार हुआ है, जब हिमाचल ने इस तरह का कोई फैसला पंजाब से पहले लागू कर दिया।