दो दशक से बन रहे पुल को लग गया ‘जंग’

डैहर —  डैहर उपतहसील को मुख्य नेशनल हाई-वे 21 से जोड़ने और डैहर कांगू संपर्क मार्ग की दूरी कम करने के  मकसद से करीब दो दशकों पूर्व तत्कालीन विधायक द्वारा जनता की मांग व सुविधा को देखते हुए अलसेड़ खड्ड पर पुल की आधारशिला रखी थी, लेकिन दुर्भाग्यवश दो दशकों बाद आज दिन तक अलसेड़ पुल का कार्य कछुआ चाल व ठेकेदारों की मनमर्जी के कारण अधर में लटका हुआ है। अति महत्त्वपूर्ण अलसेड़ पुल को यदि समय रहते तैयार किया गया होता तो यह पुल न केवल डैहरवासियों के लिए संजीवनी सिद्ध होता, बल्कि साथ लगती पंचायतों के लोगों के लिए कांगू से डैहर के लिए चंद मिनटों का सफर तय हो जाता। दो दशकों से इस पुल के निर्माण को लेकर आए दिन राजनीतिज्ञों द्वारा चुनावों के समय जनसभाओं में इस महत्त्वपूर्ण पुल का कार्य पूरा करवाने की हामी भरी गई, लेकिन चुनावी बाते चुनावों के बाद धूमिल होने के पुल का काम शुरू होने से पहले ही बंद हो जाता रहा है।  इस वर्ष भी शुरुआती महीनों में संबंधित ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य शुरू किया गया, लेकिन बरसात के शुरू होने से पूर्व ही ठेकेदार द्वारा अब चार से पांच महीनों से निर्माण कार्य पूर्णतः ठप पड़ा हुआ है। पुल के निर्माण करने हेतु अब तक एक दर्जन ठेकेदार काम को शुरू करने के बाद अधर में छोड़ कर चुके हैं। बताते चले कि अलसेड़ पुल के निर्माण होने के बाद डैहर से कांगू की दूरी मात्र पांच किलोमीटर रह जाएगी, जो कि कांगू-डैहर संपर्क मार्ग की वाया गासीनाला और अलसू दस किलोमीटर बनती है।  कांगू से डैहर की दूरी कम होने से जहां पर डैहर व आगे जाने वाले लोगों को शार्टकट की सुविधा प्रदान होनी थी। वहीं समय की बचत के भी लाभ होना स्वभाविक था। पुल का निर्माण कार्य दो दशकों में भी पूरा न होने के कारण क्षेत्र के लोगों को खासकर बरसात में गासीनाला के पास बार-बार संपर्क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण वाया बरमाणा जाना पड़ा। मौजूदा समय में इन दिनों पिछले चार महीनों से अलसेड़ पुल का निर्माण कार्य पूर्णतः ठप पड़ा हुआ है। लंबे समय से क्षेत्रवासी अलसेड़ पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करने की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन जिस गति से काम चल रहा है, उससे तो यही लगता है कि आने वाले पांच साल में ही पुल का काम हो पाएगा।