पशु हेल्पलाइन

पशु दुहने से पहले साफ करें अपने हाथ

मेरी भैंस की प्रसूति दो महीने पहले हुई है। उसके थन फट गए हैं। क्या करें?

– मुंशीराम, ज्वालामुखी

थन फटने का मुख्य कारण है दूध निकालते वक्त पूर्ण सफाई नहीं होना। दूध दूहते वक्त निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें।

पशु का दुग्ध उत्पादन देखकर उसे दिन में दो या तीन बार दूहना।

पशु को दूहने का समय और स्थान निश्चित होना चाहिए।

दूध दूहने का कार्य सात-आठ मिनटों में पूरा हो जाना चाहिए।

दूध दुहने का स्थान स्वच्छ व साफ होना चाहिए।

दूध दूहने से पहले व बाद में थनों को अच्छी तरह से गुनगुने पानी, पोटैश के पानी या किसी एंटीसेप्टिक से साफ कर लें।

बीमार पशुओं को सबसे बाद में दूहना चाहिए।

हो सके तो एक ही व्यक्ति पशु को रोजाना दूहे तो अच्छा रहता है।

पशु को पूरे हाथ से दूहना चाहिए व पूरी तरह से धाराएं निकाल लेनी चाहिएं।

दूध दूहने वाला व्यक्ति किसी भी तरह के रोग से मुक्त होना चाहिए व दूध दूहने से पहले किसी एंटीसेप्टिक से जरूर साफ कर लेना चाहिए। बरतन की सफाई का ध्यान रखें।

यहां पर एक बात का खास ध्यान रखें। अकसर देखा गया है कि दूध दूहने वाला व्यक्ति अपने हाथों को साबुन से साफ करके पोटैश, एंटीसेप्टिक से ऊहल, थनों को साफ करता है। उसके बाद वह दूहना शुरू कर देता है। देखिए आपने थनों को साफ किया, क्योंकि वह गंदे हो गए और आपने गंदे हाथों से पशु का दूध निकालना शुरू कर दिया। इससे पशु को बीमारी (थनैला, थन फटना) हो सकती है। थनों को साफ करने के बाद किसी साफ कपड़े से सूखा दें व उसके बाद दोबारा अपने हाथों को धोएं, उन पर एंटीसेप्टिक लगाएं व उसके बाद दूहना शुरू करें।

अभी आप दूध दुहने के बाद थनों को एंटीसेप्टिक से साफ करें। फिर किसी साफ कपड़े से सुखा कर उस पर कोई मरहम (हाइमैक्स, लोरेक्सेन इत्यादि) लगाएं। इसे रोज दिन में दो बार दूहने के बाद लगाएं, क्योंकि आपने थनों से दूध प्रतिदिन निकालना है इसीलिए थनों के जख्म ठीक होने में ज्यादा समय लगाते हैं।

मेरी एचएफएक्स गाए का कृत्रिम गर्भाधान करवाए नौ महीने 19 दिन हो गए हैं। खाना पीना ठीक है व थन भी भर लिए हैं, पर उसकी प्रसूति नहीं हुई है। क्या करें?

– विनित, दौलतपुर

अगर आपके पशु का कृत्रिम गर्भाधान करवाए नौ महीने 19 दिन हो गए हैं तो आप अतिशीघ्र अपने पशु चिकित्सा अधिकारी से मिलकर उसे प्रसूति का इंजेक्शन लगवा लें। ज्यादातर इस इंजेक्शन लगवाने के 6-48 घंटे बाद पशु की प्रसूति हो जाती है।

डा. मुकुल कायस्थ वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलीय पशु चिकित्सालय पद्धर(मंडी)

फोनः 94181-61948

नोट : हेल्पलाइन में दिए गए उत्तर मात्र सलाह हैं।

Email: mukul_kaistha@yahoo.co.in