पहली बार मिले छमाहूं नाग-बालू नाग

कुल्लू —  कुल्लू जिला के बंजार उपमंडल के तहत आने वाली गोपालपुर पंचायत की ऐतिहासिक देव सौह कलिउण में देवता छमाहूं नाग और बालू नाग का ऐतिहासिक मिलन हुआ। इतिहास में पहली बार हुए इस देव मिलन के हजारों लोग साक्षी बने। चार बढ़ चेथर, शिहल, खावल तथा बाहू के आराध्य देवता बालू नाग तथा चार बढ़ बड़ाग्रां, न्यूल बढ़, खड़ीधार तथा थनोगु बढ़ के आराध्य देवता छमाहूं नाग का ऐतिहासिक मिलन गोपालपुर पंचायत के कलिउण में हुआ। इस अवसर पर पांच दिनों तक एक उत्सव का आयोजन किया गया। पहले दिन देवता बालू नाग अपने सैकड़ों हारियानों के साथ गोपालपुर पंचायत के कलिउण मंदिर में पहुंचे तथा मंदिर में स्थानीय ब्राह्मण परिवार की महिलाओं ने धूप गाची निकाल कर देवता का स्वागत किया तथा देव मेले का आयोजन किया। इसके बाद देव आरती की गई। सभी लोगों के रहने की व्यवस्था बडाग्रां बढ़ में ही की गई। दूसरे दिन देव पूजा-अर्चना के बाद देवता के रथों को कलिउण में लाया गया तथा देव मेले का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने कुल्लवी परिधान चोले तथा टोपे में नृत्य किया। यह क्रम चार दिनों तक  चलता रहा तथा पांचवें दिन प्रातः काल के समय देव पूजा के बाद देव कचहरी का आयोजन किया। उसके बाद  देवताओं ने अपने गूर के माध्यम से अपने भाई चारे को बनाए रखने की सलाह दी और एक बार फिर से देव मिलन के बाद देवताओं को अपने अवास स्थान के लिए रवाना किया गया। देवता छमाहूं नाग के पुजारी महेंद्र शर्मा, कारदार मोहन सिंह गूर चेत राम एवं जय सिंह धामी, कर्म सिंह,  भंडारी तेजा सिंह,  लुदर चंद, खूबराम तथा इच्छाराम नंबरदार आदी ने बताया कि यह देव मिलन इतिहास में पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के देव मिलन से देव संस्कृति को बल मिलता है, वहीं देव समाज से जुड़े लोगों को भी आपसी तालमेल तथा संस्कृति के संरक्षण को लेकर जागरूकता मिलती है।