बिलासपुर में प्रदर्शनों से माहौल गर्म

शब्द विशेष हटाने को प्रदर्शन

अंबेडकर सेना मूल निवासी ने जिला मुख्यालय पर जमकर लगाए नारे

बिलासपुर – बैरी रजादियां में शिलान्यास पट्टिका पर जातिसूचक शब्द हटाने की मांग को लेकर गुरुवार को अंबेडकर सेना मूल निवासी ने प्रदेशाध्यक्ष एचएस बंसल की अगवाई में जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान राज्य की कांग्रेस सरकार, जिला प्रशासन व आईपीएच विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इसके बाद एडीएम विनय कुमार को ज्ञापन सौंपकर शिलान्यास पट्टिका पर लिखे गए जातिसूचक शब्द को हटाने की मांग की है।  उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार ने शीघ्र शिलान्यास पट्टिका से शीघ्र जातिसूचक शब्द को नहीं हटाया तो सेना चक्का जाम आदि करने पर मजबूर होगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार की होगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा गत दस अगस्त को बैरी रजादियां में उठाऊ पेयजल योजना की शिलान्यास पट्टिका के वितरण प्रणाली के विस्तार पर लिखे गए जातिसूचक शब्द पर अंबेडकर सेना मूल निवासी भड़क गई है। सेना ने बहुजनों का अपमान बंद करो और संघर्ष के हम आदी हैं, हम अंबेडकरवादी हैं, के नारे लगाए। सेना ने चंपा पार्क से लेकर डीसी कार्यालय तक विरोध रैली निकाली तथा इसके बाद डीसी बिलासपुर की गैर मौजूदगी में एडीएम बिलासपुर विनय कुमार से मुलाकात की तथा शिलान्यास पट्टिका पर लिखे गए जातिसूचक शब्द को हटाने की मांग की। सेना के प्रदेशाध्यक्ष एचएस बंसल ने कहा कि इस योजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दस अगस्त को किया था। इस शब्द को हटाने की मांग को लेकर सेना ने गत 14 अगस्त को डीसी को एक ज्ञापन दिया था, लेकिन इसके बाद भी जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार ने इस शब्द को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया। इसके बाद सेना ने 21 अगस्त को दोबारा डीसी बिलासपुर को ज्ञापन देकर इस शब्द को हटाने की मांग की, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं की। इस कारण सेना को आज सड़कों पर उतरना पड़ा। इस अवसर पर सेना के प्रदेश सचिव प्रदीप भवानी, जिला प्रधान विक्रम सिंह, जुखाला यूनिट के प्रधान अनिल कुमार, संदीप, विकास बादल, रिशू भवानी, राजेश कुमार, हेम राज, राकेश सांख्यान व दयाल दत्त आदि मौजूद रहे।

वार्डरों के लिए लिखित परिक्षा 18 को

बिलासपुर — जिला एवं मुक्त कारागार बिलासपुर के अधीक्षक कारागार बीआर ठाकुर ने बताया कि कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग द्वारा वार्डरों के पदों की भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षण में उत्तीर्ण हो चुके उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा 18 सितंबर रविवार सुबह नौ बजे पुलिस लाइन भराड़ी शिमला में निर्धारित की गई है। इसके लिए उम्मीदवारों को अलग से कॉल लैटर जारी किए गए है। उन्होंने बताया कि अगर किसी उम्मीदवार को किसी कारणवश कॉल लैटर नहीं मिला हैं तो वह कारागार की वेबसाइट से अपने प्रवेश पत्र की प्रति निकाल सकते हैं जो कि परीक्षा हेतु संबंधित चयन बोर्ड द्वारा मान्य होगी।

सरकार के खिलाफ नारे

बरठीं – परिवहन निगम के प्रदेश भर के सेवानिवृत्त 5300 पेंशनरों को नहीं समय पर पेंशन नहीं मिल रही है।  इन बुजुर्ग पेंसनर्ज को एक तो प्रतिदिन बैंकों के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है दूसरी तरफ समय पर पेंशन नहीं मिलने से उनके परिवार का गुजारा करने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पर इन पेंशनरों को 2015 के बाद से न तो उन्हें महंगाई भता मिला न ही मिली अंतरिम राहत मिली है। हिमाचल पथ परिवहन पेंशनर्ज कल्याण संगठन जिला बिलासपुर ईकाई के प्रधान कृष्णूराम ठाकुर की अध्यक्षता में घुमारवीं बस अड्डा में हुई इस अहम बैठक में पेंशनरों ने समय पर पेंशन न मिलने तथा हर महीनें पेंशन के लिए बैंकों के चक्कर लगाने के लिए भटकाने के लिए प्रदेश सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि वे पांच सालों से जब से कभी मुख्यमंत्री से मिलते हैं तथा कभी परिवहन मंत्री जीएस बाली से मिलते हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के शिवाय कुछ भी हासिल नहीं हुआ है और उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। पेंशनर्ज कल्याण संगठन के प्रधान कृष्णूराम ठाकुर ने कहा कि पेंशनर्ज के लिए पेंशन की व्यवस्था करने के लिए सरकार के पास कोई भी बजट नहीं होता जबकि वोल्वो बसें, डीलक्स, सुपर डीलक्स बसों की खरीद करने के लिए सरकार के पास बजट हो जाता है चाहें वे बसें फिर बेकार ही खडी रहें। उन्होंने कहा हाल ही में खरीदी हुई इन उन्नतीस बसों की प्रति किलोमीटर आय मात्र पच्चीस रुपए है, लेकिन खर्चा चालीस रुपए के ऊपर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम के प्रबंधक इन सारी बातों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर उनकी इन जायज मांगों पर शीघ्रता से 15 दिनों के भीतर गौर नहीं किया गया तो आने वाले चुनावों में सभी परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त पेंशनर्ज उनके विरोध में खडे़ हो जाएंगे। इस बैठक में एचआरटीसी पेंशनर्ज संघ के जिला उपाध्यक्ष लेखराम, दौलत राम ठाकुर जिला सचिव, श्रीराम शर्मा, प्रीतम चंद, लेख सिंह, प्रताप सिंह, रतन सिंह, कर्म सिंह  सहित करीब सौ के लगभग पेंशनरों ने भाग लिया।

दूसरे दिन भी डटा मंच

बिलासपुर – जागो बिलासपुर मंच के बैनर तले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान स्वास्थ्य संस्थान (एम्स) को लेकर उपायुक्त कार्यालय परिसर के बाहर शुरू किया गया क्रमिक गुरुवार को दूसरे दिन में पहुंच गया है।  विकास एवं समाज सुधार समिति लखनपुर के प्रवक्ता केश पठानिया, शंकर, अकरम बीबी, तुलसी राम और रतन लाल सहगल बैठे हैं। अर्द्धनारीश्वर सामाजिक संस्था की अध्यक्ष बिजली महंत ने हार पहनाकर इन्हें क्रमिक अनशन पर बिठाया, जबकि इससे पहले क्रमिक अनशन पर बैठे लोगों को जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया। इस मौके पर एम्स की मांग को लेकर किए जा रहे इस क्रमिक अनशन को ज्ञान विज्ञान समिति बिलासपुर इकाई ने भी अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। ज्ञान विज्ञान समिति बिलासपुर इकाई के महासचिव संतराम कश्यप ने धरना स्थल पर आकर जागो बिलासपुर मंच को अपना समर्थन दिया तथा कुछ समय के लिए अनशन पर भी बैठे। उन्होंने कहा कि प्रदेश व देश के राजनेता बिलासपुर की जनता के साथ छल-कपट करने पर उतर आए हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले एम्स का शिलान्यास नहीं किया जाता है तो राजनेताओं को इसका भुगतान करने के लिए तैयार रहना होगा। इस अवसर पर विकास एवं समाज सुधार समिति लखनपुर के एसआर कौंडल व प्रेम लाल मिश्रा भी मौजूद रहे।

एम्स को आमरण अनशन करना पड़ा तो करेंगे

बिलासपुर — बिलासपुर के एम्स को लाने के लिए क्रमिक अनशन पर बैठक जागो मंच बिलासपुर के समर्थन में पूर्व सैनिक कल्याण समिति भी शामिल हो गई है। समिति के प्रदेशाध्यक्ष सूबेदार प्रकश चंद ने कहा कि गुरुवार को समिति ने जागो मंच बिलासुपर के संयोजक परवेश चंदेल को समर्थन पत्र दिया और समिति के सदस्य भी क्रमिक अनशन पर बैठे। सूबेदार प्रकाश चंद ने कहा कि एम्स को बिलासपुर में लाने के लिए समिति जागो मंच बिलासपुर को पूरा साथ देगी। अगर जागो मंच अमरण-अनशन का फैसला करेगी तो, पूर्व सैनिक समिति की उनका साथ कंधे से कंधा मिलाकर देगी। अगर प्रदेश में आचार संहिता से पहले बिलासपुर में एम्स का शिलान्यास नहीं किया गया, तो प्रदेश के राजनीतिक दलों को इसका भुगतान के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने बताया कि क्रमिक अनशन पर समिति के कैप्टन धनी राम, सूबेदार जगजीत, कुलावंत पटियाल व हवलदार सुरेंद्र शर्मा आदि बैठे।