बैंटनी कैसल का 35 करोड़ से उद्धार

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जीर्णोद्धार परियोजना का किया आगाज

शिमला  – बहुचर्चित बैंटनी कैसल का कायाकल्प होने के बाद शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र होगा। कैसल में पार्क के साथ-साथ म्यूजियम और कैफे की व्यवस्था होगी। इस कैफे में खास तौर पर हिमाचली व्यंजन परोसे जाएंगे। इसके साथ ही इसमें  एक म्यूजिक थियेटर की भी व्यवस्था होगी,जहां हिमाचली संगीत का लुत्फ लोग उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को बैंटनी कैसल की जीर्णोद्धार परियोजना की शुरुआत की। इस परियोजना पर 35 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जाएगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भवन के जीर्णोद्धार के बाद यहां संग्रहालय, रेस्तरां तथा मनोरंजक पार्क पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण के मुख्य केंद्र होंगे। बैंटनी कैसल प्रदेश की राजधानी शिमला के सर्कुलर तथा माल रोड के बीच लगभग 20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। वर्तमान में मॉक ट्यूडर, आंशिक बंगला तथा मिनी टावर के साथ ढलान वाली छतों से सुसज्जित यह दो मंजिला भवन जर्जर हालत में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन के हेरिटेज लुक से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। इसका केवल जीर्णोद्धार किया जाएगा। राज्य पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष हरीश जनार्था ने कहा कि शिमला शहर के लिए यह एक बहुत बड़ी सौगात मिली है।

दो साल में पूरा होगा काम

ेबैंटनी कैसल को लेकर तैयार योजना के मुताबिक कैसल के जीर्णोद्धार का कार्य  दो सालों के भीतर पूरा होगा। यह कार्य पर्यटन विकास निगम और भाषा एवं संस्कृति विभाग मिलकर कर रहे हैं। यह कार्य एडीबी के सहयोग से पूरा किया जाएगा।