मंडी — हिंदी भाषा दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है। हालांकि लिखने के बारे में बात की जाए तो यह नंबर बहुत नीचे चला जाएगा। इसका प्रमाण खुद हिंदी बोलने और लिखने वाले ही दे रहे हैं। अधिकतर हिंदी भाषी लोग ही हिंदी के दुश्मन बने बैठे हैं। जिला भर में कई जगह आसानी से ऐसी सूचनाएं या होर्डिंग्स मिल जाएंगे, जहां लिखी गई सूचना में भारी गलतियां हैं। शहर की बात करें तो जिलाधीश कार्यालय की इमारत के पिछली तरफ जिला प्रशासन द्वारा एक सूचना लगाई गई है, जिसमें सूचना दी गई है कि यहां कौन गाडि़यां पार्क कर सकता है, लेकिन इसमें गलतियों की भरमार है 19 शब्दों की इस छोटी सी सूचना में चार शब्द गलत हैं। इसके अलावा जिलाधीश कार्यालय की ओर से एक सूचना पट्ट भी लगाया गया है। इसमें भी कई शब्द गलत हैं। ऐसे में जब हम अपनी गलतियां ही नहीं सुधार पाएंगे, तो कैसे हिंदी के हिमायती बन पाएंगे। सरकारी स्तर पर ही बात की जाए तो ये गलतियां बहुत बड़ी हैं, क्योंकि प्रशासन ही हिंदी के लिए ऐसे उदहारण पेश करेगा, तो बाकि क्या करेंगे यह बात अपने आप ही समझी जा सकती है। इसके अलावा एचआरटीसी की कई बसों में लिखी गई सूचनाओं में हिंदी के शब्द ही गलत लिखे होते हैं।