मणिमहेश यात्रा की तैयारियों में खामियां

By: Sep 4th, 2017 12:15 am

newsभरमौर – मणिमहेश यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर इस मर्तबा ड्यूटी पर तैनात किए गए अधिकारी-कर्मचारी शारीरिक तौर पर अनफिट थे। यात्रा के आरंभिक चरण में ही गौरीकुंड सेक्टर में भेजे गए अधिकारी को तैनाती के एक दिन बाद ही ड्यूटी से लौटा दिया गया था। चूंकि वह ड्यूटी के लिए शारीरिक रूप से फिट नहीं था। गौरीकुंड सेक्टर में यात्रा के शुरुआती दौर में डयूटी देकर लौटे सेक्टर अधिकारी ने डीसी चंबा को सौंपी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है और सामने आई खामियों में सुधार को लेकर सुझाव दिए हैं। यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड सेक्टर में बतौर सेक्टर अधिकारी इस वर्ष सेवाएं दे चुके कृषि विज्ञान केंद्र सरू के वैज्ञानिक डा. केहर सिंह ठाकुर ने यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें यात्रा के आरंभ होने से दस दिन पहले मेडिकल कैंप स्थापित कर उन्हीं कर्मचारियों को मणिमहेश ड्यूटी पर भेजने का सुझाव दिया है, जो मेडिकल फिट हों। रिपोर्ट में कहा है कि अनफिट कर्मी की तैनाती से पूरी टीम को समस्या पैदा होती है। उन्होंने रिपोर्ट में अनफिट यात्रियों को यात्रा पर न भेजने का सुझाव दिया है। सेक्टर अधिकारी ने सुंदरासी से गौरीकुंड के हिस्से वाले सेक्टर को एक महत्त्वपूर्ण बताया है और रिपोर्ट में कहा है कि स्वास्थ्य संबंध अधिकतर मामले इस हिस्से में ही नोटिस किए गए हैं और इस क्षेत्र में ऑक्सीजन की भी कमी रहती है। लिहाजा मेडिकल फेसिलिटी और पानी की उपलब्धता दोनों यहां के महत्त्वपूर्ण मुद्दे हैं। रिपोर्ट में उन्होंने गौरीकुंड के प्रवेश द्वार पर एक मेडिकल कैंप लगाने का सुझाव भविष्य के लिए दिया है। डा. केहर सिंह ठाकुर का कहना है कि यात्रा के आरंभिक चरण में पेश आई समस्याओं को लेकर यह रिपोर्ट तैयार की गई थी, साथ ही इसमें सुझाव भी दिए गए हैं, ताकि आगामी वर्ष मणिमहेश यात्रा से पहले ही इन तमाम बिंदुओं पर कार्य कर बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट डीसी चंबा को सौंप दी गई है। मणिमहेश यात्रा में हरेक लंगर स्थल पर विजिटर बुक रखवाने की व्यवस्था बनाने में प्रशासन नाकाम रहा। चूंकि सेक्टर अधिकारी ने रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि लंगरों के साथ-साथ स्थानीय दुकानदारों को भी यात्रियों के रुकने का रिकार्ड मेंटेन रखना अनिवार्य किया जाए। रिपोर्ट में कहा है कि व्यवस्था न होने के चलते कई यात्री अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और सहयोगियों को ढूंढने में नाकाम दिखे। अब आगे की यात्राओं के लिए प्रशासन को कई सुझाव दिए गए हैं, ताकि लोगों को किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े और यात्रा में कोई अनहोनी न हो।

सिर्फ 39 टायलट, उसमें भी 28 ठीक

प्रशासन की मणिमहेश यात्रा को खुले में शौचमुक्त बनाने के दावों की हवा शुरुआती दौर में ही निकल गई थी। सेक्टर अधिकारी ने रिपोर्ट में कहा है कि यात्रा के आरंभिक चरण में गौरीकुंड सेक्टर में कुल 39 शौचालय थे और जिनमें 28 ही सुचारू रूप से कार्य कर रहे थे। शौचालय की उपलब्धता कम होने के चलते यात्री खुले में शौच को तवज्जो दे रहे थे। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि लंगर समितियों के लिए पांच और स्थानीय दुकानदारों के लिए दो-दो शौचालयों का निर्माण करना अनिवार्य किया जाए।

यें हैं गाइडलाइंस

यात्रा शुरू होने से पहले सीसीटीवी कैमरें स्थापित हों, गौरीकुंड में यात्रियों की सुविधा के लिए चार पीसीओ बीएसएनएल के कम कॉल रेट पर स्थापित हों

हड़सर, धनछो, गौरीकुंड, सुंदरासी और डल झील पर घोड़ा-खच्चरों की बुकिंग हेतु काउंटर बनाएं और इसका संचालन मणिमहेश ट्रस्ट करे

यात्रा के आरंभ होने से 15 दिन पूर्व सभी प्रबंध पूरे किए जाएं

हेलिटैक्सी सेवा होली हेलिपैड से करें, पार्किंग स्थल चिन्हित किए जाएं और यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए तैयारियां हों

दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में साइन बोर्ड चस्पां हों और सुंदरासी और गौरीकुंड के बीच पेयजल उपलब्ध करवाई जाए, शिव करोत्री और गौरीकुंड में फिल्टर वाटर टैंक निर्मित किए जाएं

यात्रा में सेवाएं देने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अलग से पार्किंग व्यवस्था हो और ड्यूटी वाले कर्मचारियों के लिए वाहनों की व्यवस्था हो


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