मां-पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल

भावानगर — नाथपा गांव के शहीद प्रदीप नेगी के शव के नाथपा पंहुचने के बाद से ही शहीद की मां व पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था। 29 वर्षीय प्रदीप अभी कुछ दिन पहले ही अपने घर आया था व छुट्टी काट कर चार सितंबर को ही घर से ड्यूटी के लिए निकला था। किसी को भी विश्वास नहीं हो पा रहा है कि प्रदीप सबको छोड़ कर जा चुका है। शहीद के पांच वर्षीय बेटे को तो पता भी नहीं है कि उसके आसपास क्या हो रहा है। प्रदीप छोटी उम्र में ही आईटीबीपी में भर्ती हो गया था व अभी तक उसकी दस-12 साल की नौकरी भी हो चुकी थी। शहीद के पिता रोशन लाल किसी तरह से अपने आपको संभाले हुए थे, परंतु इकलौते सहारे को जाता देख वह भी अंत में फूट-फूट कर रोए। शहीद की पत्नी रंजना व माता सुनिता तो बार-बार बेसुध हो रही थी, जब शहीद के बेटे प्रशांत ने पिता की चिता को अग्नि दी तो हर परीस्थिति में मजबूत रहने वाले सैनिक भी पिघलते नजर आए। शहीद का शव शनिवार देर रात करीब अढ़ाई बजे सैन्य वाहन द्वारा नाथपा लाया गया था, जिसके बाद से ही पूरी तरह से माहौल गमगीन हो गया था। रात से ही सभी रिश्तेदारों व करीबियों की आम्द शुरू हो गई थी, जो सुबह तक जारी रही।