मैहतपुर में हनुमान ने उजाड़ी अशोक वाटिका

मैहतपुर  —  जय भारत रामलीला क्लब मैहतपुर द्वारा अयोजित श्रीराम मंचन में महावीर हनुमान ने सीता माता की खोज करना, लंका को जलाना, अशोक वाटिका को उजाड़ना, इत्यादि दृश्य प्रस्तुत किए। जिसमें पहले दृश्य में हनुमान सीता माता की खोज करते-करते अशोक वाटिका पंहुचे। वहां पर सीता माता से भेंट कर प्रभु श्री राम द्वारा निशानी सीता माता को भेंट कर अपना प्रमाण दिया। इसके उपरांत हनुमान सीता माता से कहते हैं कि आशोक वाटिका में लगे फलों को देखकर भूख लग आई है। हनुमान ने सीता माता की आज्ञा लेकर फलों से भूख मिटाई। हनुमान ने रावण को सीता माता लौटाने को लेकर बार-बार बेनती की, लेकिन अहंकारी रावण उसकी एक न सुनता और उसकी पूंछ को आग लगवा देते हैं। हनुमान उस आग से सारी लंका को जला देते हैं। अंतिम द्वश्य में रावण और काल का संवाद हुआ। जिसमें रावण ने काल को कहा कि अगर तू महावीर हनुमान का वध कर देगा तो मैं तुझे अपनी कैद से रिहा कर दूंगा।  तब काल ने पूछा कि ऐसा क्या कारण होगा कि महावीर को मारने के लिए मेरी सौ साल बाद याद आ गई।  शूर्पणखा जंगल में घूमते-फिरते पंचवटी में चली गई, तब वहां पर अयोध्या निवासी दो राजकुमार श्रीरामचंद्र, सीता और लक्ष्मण वहां पर कई वर्षों से रह रहे थे, तो लक्ष्मण ने शूर्पणखा का नाक और कान काट दिए।  तब मै बदला लेने के लिए उनकी नारी सीता को हर लाया, तो सीता की खोच करते-करते हनुमान लंका में आ पहुंचे। तब हनुमान ने अशोक वाटिया के में फल खाकर उतपात मचाया। जब अक्षय कुमार हनुमान को रोकने लगा तो उसने अक्षय कुमार का वध कर दिया।