लिंग जांच पर नपेंगे निजी क्लीनिक
विधि विभाग में दोबारा जाएगी प्राइवेट डिटेक्टिव हायर करने की फाइल, प्रदेश में बंद होगा गोरखधंधा
शिमला – प्रदेश में पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा से सटे जिलों में बाल लिंग अनुपात की दर में काफ ी अंतर है। हिमाचल में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। राज्य में निजी क्लीनिकों में यह गोरखधंधा चल रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग ने निजी डिटेक्टिव किराए पर लेने की योजना बनाई है, लेकिन विभाग ने जो ड्राफ्ट सरकार को भेजा था, उस पर विधि विभाग ने आपत्तियां लगाई हैं। अब एक सप्ताह के भीतर नए सिरे से ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा और प्रदेश में निजी क्लीनिकों का स्टिंग किया जाएगा, ताकि अवैध तरीके से चल रहे क्लीनिकों पर शिकंजा कसा जा सके। पीसी पीएनडीटी एक्ट के अधीन सोनोग्राफ ी मशीन या अन्य किसी विधि द्वारा अवैध लिंग चयन, कन्या भ्रूण हत्या में शामिल केंद्रों को तथ्यों सहित पकड़ने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस कार्य के लिए विभाग निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित जासूसी एजेंसियों के साथ एलओआई करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जो एजेंसी इस कार्य में आगे आएगी, उन्हें तथ्यों के साथ ऐसे गोरखधंधा करने वालों को पकड़ना है और तथ्य प्रमाणित होने पर स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन विभाग ऐसे सोनोग्राफी सेंटरों पर कार्रवाई करेगा। जाहिर है कि ऐसे कदमों से कन्याओं को गर्भ में मारने वालों का पर्दाफ ाश होगा और इससे हिमाचल प्रदेश में बेटियों की तादाद भी बढ़ेगी। कई सोनोग्राफी सेंटर तो पड़ोसी राज्यों की सीमा पर स्थापित किए गए हैं और इस कारण कई बार सीमा विवाद बीच में आ जाता है और इसका लाभ इस कार्य में लगे लोग उठाते हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार पड़ोसी राज्यों से मिलकर इसके खिलाफ लड़ने का ऐलान भी कर चुकी है, लेकिन लड़ाई अंजाम तक नहीं पहुंच रही।
समाज के सामने आएंगे सफेदपोश
प्रदेश में इस समय 172 निजी और 86 सरकारी क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड क्लीनिक हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे क्लीनिक हैं, जो दूसरे राज्यों की सीमा पर हैं। यानी चंद कदम चल कर लोग दूसरे राज्य में पहुंचते हैं और वहां अल्ट्रासाउंड करवाकर वापस लौट आते हैं। ऐसे क्लीनिक सरकार की नजर में हैं और पर्दे के पीछे रहकर कार्य करने वाले उन सफेदपोश लोगों को समाज के सामने लाना है, जो इस कृत्य में शामिल हैं।
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