वक्फ बोर्ड कर्मियों को चार फीसदी डीए

 निदेशक मंडल ने बैठक के दौरान लिया फैसला, बदला जाएगा बोर्ड का कार्यालय

शिमला —  राज्य वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह चार फीसदी डीए देने का फैसला लिया गया है। बुधवार को बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक अध्यक्ष ख्वाजा खलिलउल्लाह की अध्यक्षता में हुई। बोर्ड में कोई सीईओ नहीं होने के कारण अब प्रशासनिक शक्तियां प्रशासनिक अधिकारी असलम खान को दी गई हैं। जहूर हैदर जैद्दी बोर्ड के सीईओ थे, जो इन दिनों पुलिस हिरासत में हैं। बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में नए रखे गए कर्मचारियों, जिनको एक साल का अरसा हो गया है, को एक्सटेंशन देने का मामला भी रखा गया था, लेकिन केंद्र सरकार से इसके लिए फंडिंग नहीं मिलने के कारण यह एक्सटेंशन फिलहाल नहीं दी गई है। इन कर्मचारियों को उनकी सेवाओं में गैप दिया जाएगा। ऐसे करीब आधा दर्जन कर्मी वक्फ बोर्ड में तैनात हैं। बैठक में विधवाओं की पेंशन के मामलों पर भी चर्चा की गई और जिन विधवाओं को पिछले कुछ अरसे से पैंशन नहीं दी जा सकी है उनको पेंशन की राशि जारी करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ बोर्ड के कार्यालय को यहां से शिफ्ट करने का भी निर्णय लिया गया है। वर्तमान में जिस भवन में बोर्ड का कार्यालय चल रहा है, वह जीर्ण-शीर्ण हालत में है।

कृषि विवि कर्मियों के डीए में इजाफा

पालमपुर – प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय ने प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 130 प्रतिशत से बढ़ाकर 134 प्रतिशत कर दिया है। मूल वेतन के चार प्रतिशत के हिसाब से यह किस्त विश्वविद्यालय के कर्मचारियों व पेंशनधारकों को पहली जनवरी, 2017 से देय होगी। अधिसूचना के अनुसार यह महंगाई भत्ता सितंबर माह के वेतन के साथ नकद मिलना शुरू हो जाएगा और जनवरी से अगस्त, 2017 तक की बकाया राशि वित्तीय सहायता उपलब्ध होते ही कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जमा कर दी जाएगी। विश्वविद्यालय के पेंशन व परिवार पेंशनधारकों को भी महंगाई भत्ता अब 130 से बढ़कर 134 प्रतिशत प्राप्त होगा। कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने समय-समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार का आभार प्रकट किया है। विवि ने अगस्त, 2016 में भी अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता पहली जुलाई, 2016 से तीन प्रतिशत बढ़ाया था।