विधायकों-पूर्व विधायकों को मिलेगी पट्टे पर जमीन

By: Sep 19th, 2017 12:08 am

वीरभद्र मंत्रिमंडल ने दिया तोहफा; पांच बीघा तक अवैध कब्जों के नियमितीकरण की नीति मंजूर, विभिन्न विभागों में भरे जाएंगे 300 पद

Virbhadra Singhशिमला— हिमाचली प्रदेश सरकार ने चुनावी बयार में प्रदेश के विधायकों व पूर्व विधायकों को फिर से नए तोहफे से नवाजने के मामले को मंजूरी दी है। सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस वर्ग को लीज पर जमीन देने के मामले को स्वीकृति दे दी गई है। सूत्रों के मुताबिक शिमला एयरपोर्ट के समीप नए विधायकों ने इस बाबत 30 बीघा के लगभग जमीन भी देख रखी है। इससे पहले दो बार मौजूदा सरकार के ही कार्यकाल के दौरान उनके वेतन भत्तों में बढ़ोतरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में सोमवार दोपहर दो बजे से रात 8ः30 बजे तक आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में पांच बीघा तक के अवैध कब्जों को लेकर जो नीति सरकार ने बनाई थी, उसे भी स्वीकृति दे दी गई है। जल रक्षकों का मानदेय 1700 से बढ़ाकर 2500 रुपए किया गया है। जल रक्षकों के लिए ही ठोस नीति बनाने को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। पैट टीचर पालिसी को मंजूरी दी गई है। पैट टीचरों को जेबीटी के समतुल्य लाभ देने का भी ऐलान किया गया है। यानी अब पैट टीचर को एक तो छुट्टियां मिल सकेंगी, साथ ही वे अपनी ट्रांसफर भी करवा सकेंगे।  बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विवाह की स्थिति में अंतर-जिला स्थानांतरण के लिए केवल महिला पैट शिक्षक ही योग्य होंगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि आईटीआई डिप्लोमा धारक योग्य जल-रक्षकों को पंप आपरेटरों तथा फिटरों के पदों के लिए भर्ती एवं पदोन्नित नियमों में कोटा दिया जाएगा। 10वीं तथा 12 साल के अनुभव वाले जलरक्षकों को चौकीदार तथा पंप अटेंडेंट्स के पदों के लिए शामिल किया जाएगा। लगभग 1000 बेलदार के वर्तमान पदों को चौकीदार तथा पंप अटेंडेंट के रूप में पुनः नामित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जलरक्षकों को 2500 रुपए प्रति माह का मानदेय भी प्रदान किया जाएगा। बैठक में आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय को बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह करने का निर्णय भी लिया गया। मंत्रिमंडल ने प्रदेश के दूरगामी तथा जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जनरल ड्यूटी अधिकारियों को प्रायोजित करने के लिए एक नीति स्वीकृत की है। इन जनरल ड्यूटी अधिकारियों को ऐसे क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने के लिए विभिन्न आर्थिक तथा गैर आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा तथा उन्हें प्रदेश या प्रदेश के बाहर स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा, डीएम/एमसीएच, डीएनबी करने के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने कन्याओं को उनके घर द्वार के समीप गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए ‘बेटी है अनमोल योजना’ के अंतर्गत स्नातक स्तर तथा समानांतर कोर्स, जिसमें बीई, बीटेक, एमबीबीएस, बीएड तथा एलएलबी शामिल हैं, कर रही बीपीएल परिवारों की कन्याओं को 5000 रुपए सालाना की छात्रवृत्ति आरंभ करने को स्वीकृति दी। बैठक में विभिन्न विभागों में करीब 300 भर्तियों को भी मंजूरी दी गई, जिनमें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में अनुबंध आधार पर वाक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सा अधिकारी (एमबीबीएस) के 50 पद शामिल हैं। मंत्रिमंडल ने सोलन जिला के कुनिहार, मंडी के रिवालसर और हमीरपुर के लंबलू में उपतहसील के सृजन का निर्णय लिया। कांगड़ा जिला के खुंडियां में नया वन वृत्त कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कांगड़ा जिला के नगरोटा-बगवां के अंतर्गत बलधर में अत्याधुनिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में बिलासपुर जिला के भराड़ी और शिमला जिला के जलोग में आईपीएच विभाग के नए उपमंडल तथा सोलन में आईपीएच का नया वृत्त खोलने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने चंबा जिला के तीसा (भंजराड़ू) में लोक निर्माण विभाग का नया मंडल, नकरोड़ में हिमगिरि व लसूईं के साथ उपमंडल खोलने, बिलासपुर से नालागढ़ मंडल और नाहन वृत्त से सोलन मंडल को अलग कर सोलन में नए प्रादेशिक वन वृत्त की स्थापना को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने जलागम विकास दलों के 116 सदस्यों की सेवाओं को ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज और जिला परिषद के कैडर में समायोजित करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप विभिन्न स्कूलों को स्तरोन्नत करने और इनके लिए स्टाफ का सृजन करने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने जिला परिषद कैडर के नियमित कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा प्रदान करने और उन्हें नई पेंशन प्रणाली के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया गया, जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से हिस्सा प्रदान किया जाएगा। बैठक में शिमला जिला के कुमारसैन के अंतर्गत अस्थायी पुलिस चौकी सैंज को आवश्यक स्टाफ की सुविधा प्रदान करने सहित स्थायी बनाने को मंजूरी दी। मंडी जिला के धर्मपुर पुलिस थाना के अंतर्गत टिहरा में और बल्ह पुलिस थाना के अंतर्गत गागल में भी पुलिस चौकी स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिनमें आवश्यक पद भी भरे जाएंगे। मंत्रिमंडल ने कांगड़ा के फतेहपुर, बिलासपुर के बिझड़ी-ढटवाल और मंडी जिला के पद्धर में फायरपोस्ट खोलने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल द्वारा किन्नौर जिला के गुरु संज्ञास (गुरु-छन-ग्याड़) मेला रारंग को राज्य स्तरीय दर्जा प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने पांच गांवों को आदर्श ईको गांव के रूप में विकसित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्णय लिया। इनमें शिमला जिला का चराऊ गांव, सिरमौर जिला का देयोंथल गांव, किन्नौर का डमरू, चंबा का भ्ांजराड़ू तथा बिलासपुर जिला का टेपरा गांव शामिल हैं। मंत्रिमंडल ने आठ पशु अस्पतालों को उपमंडलीय पशु अस्पताल में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया, जिनमें मंडी ग्रामीण, सिरमौर जिला का संगड़ाह व शिलाई, ऊना जिला का बंगाणा, चंबा जिला का सलूणी, हमीरपुर जिला का सुजानपुर, कांगड़ा जिला का ज्वालामुखी तथा मंडी जिला का धर्मपुर अस्पताल शामिल हैं।

पांच बिजली परियोजनाओं को नोटिस

कैबिनेट ने राज्य के उन पांच बिजली परियोजना प्रबंधकों को नोटिस जारी करने का फैसला लिया है, जो कि समय पर अपना अपफ्रंट प्रीमियम चुकता नहीं कर पाए हैं। इन्हें जल्द से जल्द अपना प्रीमियम देने के लिए कहा गया है, वरना इनसे प्रोजेक्ट वापस ले लिए जाएंगे और इनके द्वारा पहले दी गई धरोहर राशि भी नियमों के अनुसार जब्त कर ली जाएगी।

दो चाय बागानों की बिक्री को मंजूरी!

सूत्रों का दावा है कि मंत्रिमंडल की बैठक में पालमपुर के दो चाय बागानों को बेचने की अनुमति दे दी गई है। यह रकबा 500 बीघा से ज्यादा का बनता है। हालांकि इससे पहले कैबिनेट की दो बैठकों में चाय-बागानों को बेचने के लिए पालिसी लाने पर सहमति बनी थी, मगर ऐसा नहीं हो सका। लिहाजा दावा है कि इस बार यह मंजूरी दे दी गई है।


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